भोपाल। आयकर विभाग की इनवेस्टिगेशन विंग के राडार पर अब मप्र सरकार के खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के रिश्तेदारों की संपत्ति भी आ गई है। विभाग ने राजपूत के साला, सरहज और उनके बेटे की 'बेनामी' जमीनों को खंगालना शुरू कर दिया है। यह करीब 195 एकड़ है। इसमें 50 एकड़ के करीब वह जमीन भी है, जो गोविंद सिंह, उनकी पत्नी और बेटे को दान में दी गई या उन्हें बेची गईं। आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति के लेन-देन को रोकने वाले कानून के तहत इन जमीनों की जांच शुरू की है। डीसीआईटी अंजन कुमार ने सागर जिला प्रशासन से पूरी संपत्ति का ब्योरा मांगा, जिसके बाद खुरई तहसीलदार ने जमीनों की तमाम जानकारी आयकर विभाग को भेज दी है। दान की जमीनों का पूर्व में विवाद भी हो चुका है। जब इसकी शिकायत हुई तो रिश्तेदारों ने जो जमीन मंत्री व उनकी पत्नी को दान में दी थी, उसे वापस कर दिया गया। आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति संव्यवहार प्रतिषेध अधिनियम 1988 की धारा-21 के तहत जानकारी मांगी थी। सूत्रों का कहना है कि हाल में यह जानकारी सागर जिला प्रशासन से आयकर विभाग को पहुंची है। यह गिरहनी, निवारी एवं कुदरू से राजस्व निरीक्षक खिमलासा ने तैयार की है।
जिला प्रशासन ने भेजी जानकारी
आयकर सूत्रों का कहना है कि राजपूत के साले हिमांचल सिंह राजपूत, करतार सिंह राजपूत, साविता बाई राजपूत, प्रथमेश राजपूत और शुभम के नाम पर 1 अप्रैल 2022 से पहले जितनी भी संपत्ति पंजीबद्ध है, उसी की पड़ताल हो रही है। इस जमीन पर दस सालों में कौन-कौन सी फसल उगाई गई है, पैदावार से जुड़ा उसका हर साल का दस्तावेज भी सागर जिला प्रशासन ने आयकर विभाग को भेजा है। अब इससे अनुमान लगाया जाएगा कि खेती से कितनी कमाई की गई है।
दान में मिली जमीन वापस कर दी थी
मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। ये जमीन का मामला पुराना है। जो जमीन दान में दी थी, कुछ उसमें से वापस कर दी। इसका नियम है, ये लीगल है। रजिस्टर्ड तरीके से उस समय ही जमीन वापस कर दी गई थी। इस मामले में मैं कहीं नहीं हूं, मुझसे या मेरे परिवार से इस मामले में आयकर विभाग ने कोई जानकारी नहीं ली। कोई पूछताछ भी नहीं की है।
- गोविंद सिंह राजपूत, मंत्री, खाद्य, नागरिक आपूर्ति