चीन में कोरोना जैसा नया वायरस फैला, छोटे बच्चों पर ज्यादा असर

- दावा- प्रभावित इलाकों में इमरजेंसी, 2019 में वुहान से कोविड फैला था
बीजिंग। कोविड-19 के 5 साल बाद चीन में फिर एक बार नए वायरस का संक्रमण फैल रहा है। इसके लक्षण भी कोरोना वायरस की तरह ही है। इस नए वायरस का नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) है, जो कि एक आरएनए वायरस है। वायरस से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। चीन के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीस) के मुताबिक इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और गले में घरघराहट शामिल हैं। एचएमपीवी के अलावा इन्फ्लुएंजा ए, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 के केस भी सामने आ रहे हैं। इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है।
दावा- चीन में कई जगह इमरजेंसी घोषित
सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट में मरीजों की फोटो पोस्ट करते हुए दावा किया गया है कि चीन ने वायरस के फैलने के बाद कई जगहों पर इमरजेंसी घोषित कर दी है। दावे के मुताबिक अस्पतालों और श्मशान घाटों में भीड़ बढ़ रही है। हालांकि, चीन की तरफ से ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है। द स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक ष्टष्ठष्ट ने पहले से अस्थमा और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी जैसी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों में संक्रमण का खतरा ज्यादा होने की बात कही है। खांसने और छींकने से वायरस के फैलने का खतरा अधिक है। वायरस का असर ज्यादा होने पर इससे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया भी हो सकता है। रॉयटर्स के मुताबिक चीन इससे निपटने के लिए एक निगरानी सिस्टम की टेस्टिंग भी कर रहा है।
पहली बार 2001 में हुई थी पहचान
एचएमपीवी वायरस की पहचान पहली बार 2001 में हुई थी। एक डच शोधकर्ता ने सांस की बीमारी से जूझ रहे बच्चों के सैंपल में इस वायरस का पता लगाया था। हालांकि, ये वायरस पिछले 6 दशकों से मौजूद है। ये वायरस सभी तरह के मौसम में वातावरण में मौजूद होता है, लेकिन इसके सबसे ज्यादा फैलने का खतरा सर्दियों में होता है।
डीजीएचएस बोला- भारत को चिंता करने की जरूरत नहीं
भारत में इस मामले को लेकर डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (डीजीएचएस) अतुल गोयल ने कहा कि इसे लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। डॉक्टर गोयल ने कहा कि चीन में मेटान्यूमोवायरस का आउटब्रेक है और सीरियस है, लेकिन हमें ऐसा नहीं लगता कि क्योंकि यहां मेटान्यूमोवायरस एक नार्मल रेस्पिरेटरी वायरस है। डॉक्टर गोयल ने कहा कि इसमें ज़ुकाम जैसी बीमारी होती है या कुछ लोगों में फ्लू जैसे सिंप्टोम्स हो सकते हैं, खास तौर से बुजुर्गों और 1 साल से कम वाले बच्चो में, लेकिन यह ऐसी कोई सीरियस बीमारी नहीं है, जिससे बहुत चिंता करने की जरूरत है। गोयल ने कहा कि सर्दी के दिनों में रेस्पिरेटरी वायरस इन्फेक्शन होते हैं। हमारे अस्पताल और इंस्टीट्यूशंस इसको हैंडल करने के लिए तैयार हैं। बेड्स और ऑक्सीजन की अवैलबलिटी है। इसमें स्पेसिफिक कोई दवाइयां नहीं चाहिए होती हैं क्योंकि इसके अगेंस्ट कोई स्पेसिफिक एंटीवायरल ड्रग नहीं है।