पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को नष्ट करने पर खर्च होंगे 126 करोड़

- 15 दिन में पूरी होगा ट्रायल प्रोसेस
भोपाल। भोपाल से लाया गया यूनियन कार्बाइड का 337 टन कचरा गुरुवार सुबह 4.15 बजे पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में 12 कंटेनर में पहुंचा। सभी कंटेनरों को सेक्टर दो स्थित रि-सस्टेनेब्लिटी कंपनी (पूर्व में रामकी कंपनी) के परिसर में रखा गया है। कंटेनर से वेस्ट को निकालकर परिसर में बने शेड में सुरक्षित रखा जाएगा, इस प्रक्रिया में तीन से चार दिन लगेंगे। इसके पश्चात 10 दिन तक कंपनी के इंसीनरेटर प्लांट में अलग-अलग मात्रा में वेस्ट को रखकर ट्रायल रन किया जाएगा और उसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
2015 में भी यहां नष्ट किया गया था कचरा
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में जब इस इंसीनरेटर प्लांट में यूका का कचरे को नष्ट किया गया था, तब 90 किलो कचरा प्रति घंटे संयत्र में डालकर नष्ट किया गया। कंपनी के विशेषज्ञ, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम की निगरानी में इंसीनरेटर प्लांट में अलग-अलग मात्रा में इस कचरे को नष्ट करने की प्रक्रिया को शुरू की जाएगी। प्राप्त आंकड़ों का आकलन करने के बाद तय होगा कि इंसीनरेटर प्लांट में कितनी मात्रा में कचरा प्रति घंटे डालकर नष्ट किया जाए। शासन द्वारा यूनियन कार्बाइड के कचरे को नष्ट करने पर 126 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उधर, भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यूनियन कार्बाइड गैस लीक को 40 साल बीत चुके, अब कचरे में कोई हानिकारक तत्व नहीं। पीथमपुर में विज्ञानियों की देखरेख में कचरे का निष्पादन किया जाएगा।
इन मात्राओं में होगी तीन-तीन दिन जांच
135 किलोग्राम प्रतिघंटा की दर से
180 किलोग्राम प्रतिघंटा की दर से
270 किलोग्राम प्रतिघंटा की दर से