भोपाल। प्रदेश में आयकर विभाग ने 18 दिसंबर को त्रिशूल कंस्ट्रक्शन, ईशान और क्वालिटी बिल्डर्स के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान आयकर विभाग को यह जानकारी मिली कि राजेश शर्मा और अन्य प्रॉपर्टी डीलरों से बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे। साथ ही 10 करोड़ रुपये नकद और 25 से ज्यादा लॉकर की जानकारी मिली थी। राजधानी भोपाल से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां आयकर विभाग ने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के मालिक और पूर्व मुख्य सचिव से जुड़े कारोबारी राजेश शर्मा की करीब 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अटैच कर ली है। यह कार्रवाई आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति विंग ने की। आईटी की तरफ से भोपाल के वरिष्ठ जिला पंजीयक को पत्र लिखकर कहा है कि राजेश शर्मा के स्वामित्व वाली किसी भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं होने दी जाए। जांच में खुलासा हुआ है कि राजेश शर्मा ने अपनी पत्नी और कर्मचारियों के नाम पर संपत्ति खरीदी थी। बता दें, प्रदेश में आयकर विभाग ने 18 दिसंबर को त्रिशूल कंस्ट्रक्शन, ईशान और क्वालिटी बिल्डर्स के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान आयकर विभाग को यह जानकारी मिली कि राजेश शर्मा और अन्य प्रॉपर्टी डीलरों से बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे। साथ ही 10 करोड़ रुपये नकद और 25 से ज्यादा लॉकर की जानकारी मिली थी। राजेश शर्मा और उससे जुडे लोगों के ठिकानों पर मिले दस्तावेजों को आईटी ने जब्त कर लिया था। अब इन दस्तावेजों के आधार पर संबंधित लोगों को आयकर विभाग पूछताछ के लिए समन जारी कर रहा है। आईटी को राजेश शर्मा अपनी प्रॉपटी को खुद बुर्द कर सकता है। ऐसे में पंजीयन कार्यालय को उसके स्वामित्व वाली प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री पर रोक लगाने को कहा है। वहीं, आईटी की टीम रायपुर के खनन कारोबारी महेंद्र गोयनका से भी पूछताछ कर रही है। गोयनका राजेश शर्मा के मित्र हैं। उन्होंने भोपाल के सेवनिया गौड़ में जमीन खरीदी के मामले में 50 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। यह खरीदी राजेश शर्मा के माध्यम से की गई थी। इसी मामले में गोयनका से भी पूछताछ की जा रही है।