मुख्यमंत्री यादव बोले-किसानों को दलहल-तिलहन उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करें

उद्यानिकी फसलों का उत्पादन भी बढ़ाएं
भोपाल। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सोयाबीन फसल उत्पादन में बीते वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार सोयाबीन का उपार्जन जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि सोयाबीन के अलावा किसानों को दलहन और तिलहन फसलों के उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास में सोयाबीन उपार्जन की समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सोयाबीन फसल उत्पादन में बीते वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार सोयाबीन का उपार्जन जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि सोयाबीन के अलावा किसानों को दलहन और तिलहन फसलों के उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए किसानों के साथ चर्चा कर योजना बनाई जाएगी। उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में अधिक लाभ है, इसलिए किसानों को उद्यानिकी फसलों की ओर प्रवृत्त किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सोयाबीन उत्पादक किसानों से उपार्जन कर उन्हें जल्द से जल्द भुगतान भी सुनिश्चित किया जाए। उपार्जन में किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई या बारदाने की समस्या न आने पाए। उपार्जित सोयाबीन का उठाव और भंडारण विधिवत तरीके से हो और उपज को ओला-पाला एवं बारिश से बचाया जाए।
31 दिसंबर तक होगा सोयाबीन उपार्जन
बैठक में सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने जानकारी दी कि प्रदेश में सोयाबीन उपार्जन 25 अक्टूबर से किया जा रहा है, जो 31 दिसंबर तक चलेगा। गत 26 दिसंबर तक 2 लाख 4 हजार किसान अपना सोयाबीन बेच चुके हैं। इन किसानों से 5 लाख 89 हजार मीट्रिक टन सोयाबीन उपार्जित किया गया है। आगामी 31 दिसंबर तक करीब साढ़े 6 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन उपार्जन का अनुमान है। प्रदेश में भोपाल संभाग में सर्वाधिक 180198.04 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन उपार्जित किया गया है। उज्जैन संभाग में 149974.54 लाख मीट्रिक टन, सागर संभाग में 93495.33 लाख मीट्रिक टन एवं नर्मदापुरम संभाग में 93287.44 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन उपार्जित किया गया है।