• पर्यवेक्षकों की नियुक्ति से बढ़ी सरगर्मी, प्रधान अगले सप्ताह आएंगे

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चुनाव को लेकर फिर हलचल तेज हो गई हैं। राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा हाल ही में तीन राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के चयन के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने के बाद मध्यप्रदेश में भी नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं तेज हो गई हैं। केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को प्रदेश के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है, जिनकी अगले सप्ताह भोपाल यात्रा संभावित है। भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक समीकरण एक बार फिर बदलने की ओर हैं। राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा हाल ही में तीन राज्यों के लिए प्रदेश अध्यक्ष चयन के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने के बाद मध्य प्रदेश भाजपा में भी नेतृत्व को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। पार्टी ने वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को मध्य प्रदेश का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। उनके भोपाल दौरे की संभावना अगले सप्ताह जताई जा रही है, हालांकि अभी तक कोई औपचारिक कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में हो रही देरी के चलते कई राज्यों में भी अध्यक्ष पद पर निर्णय अटका हुआ था। अब जब शीर्ष स्तर पर सहमति बन चुकी है, तो मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी जल्द ही नए अध्यक्षों की घोषणा होने की उम्मीद की जा रही है।

दौड़ में शामिल प्रमुख चेहरे
ब्राह्मण वर्ग से यदि भाजपा नेतृत्व फिर से दांव लगाता है तो प्रमुख नामों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, राजेंद्र शुक्ल, आलोक शर्मा, रामेश्वर शर्मा, अर्चना चिटनीस और आशीष दुबे (जबलपुर सांसद) जैसे दावेदार चर्चा में हैं। ठाकुर वर्ग से पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया, विधायक बृजेंद्र सिंह, कांत देव सिंह और सांसद गणेश सिंह का नाम सामने आ रहा है। वैश्य वर्ग से हेमंत खंडेलवाल (बैतूल विधायक) सबसे प्रमुख नाम हैं, वहीं सुधीर गुप्ता (मंदसौर सांसद) भी दौड़ में हैं।

आरक्षित वर्ग के नेता भी मजबूत दावेदार
एससी वर्ग से भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य, जतारा विधायक हरीशंकर खटीक और देवास सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी प्रमुख नाम माने जा रहे हैं।  एसटी वर्ग में राज्यसभा सदस्य डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी, पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और खरगोन सांसद गजेंद्र पटेल का नाम चर्चा में है।  भाजपा नेतृत्व इस बार सामाजिक संतुलन, क्षेत्रीय समीकरण और आगामी चुनावों की रणनीति के तहत नए अध्यक्ष का चयन करना चाहता है। संगठन चुनाव की प्रक्रिया जनवरी में ही पूर्ण हो चुकी है, लेकिन निर्णय में देरी ने नेताओं की बेचैनी बढ़ा दी है। धर्मेंद्र प्रधान की सक्रियता के साथ अब फैसला जल्द होने की उम्मीद है।