• डॉक्टर तलाशेंगे बीमारियों की वजह और नया इलाज

  • भोपाल में जुटेंगे देशभर के रिसर्चर

भोपाल। ​​​​​​क्या एक डॉक्टर सिर्फ इलाज करता है, ऐसा नहीं है। वह बीमारियों के पीछे की वजह भी खोज सकता है, नई दवाएं विकसित कर सकता है और इलाज के बेहतर तरीके भी खोज सकता है। इसी सोच के साथ गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) में तीन दिवसीय रिसर्च मेथडोलॉजी वर्कशॉप का आयोजन 25 जून से किया जा रहा है। इसका उद्देश्य डॉक्टरों और फैकल्टी को अच्छा शोधकर्ता बनाना, ताकि वे सिर्फ मरीजों का इलाज न करें, बल्कि भारत की स्वास्थ्य नीति और भविष्य को भी आकार दें। यह वर्कशॉप गांधी मेडिकल कॉलेज की मल्टीडिस्पिलनरी रिसर्च यूनिट (MRU) द्वारा आयोजित की जा रही है।

दरअसल, मध्यप्रदेश में रिसर्च के क्षेत्र में वर्तमान में सिर्फ AIIMS भोपाल सक्रिय है। AIIMS में बीते 3 साल में कई गुना रिसर्च को बढ़ावा दिया गया है। बीते साल 300 से ज्यादा रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए। यही नहीं करीब 80 करोड़ का अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए ग्रांट भी मिला है। वहीं, भारत सरकार से इनोवेशन के लिए पेटेंट भी मिला है। जिसके कारण एम्स के ट्रैक रिकॉर्ड में सुधार आया है और देश भर की रैंकिंग में टॉप पोजिशन पर आता है। जबकि राज्य सराकार के मेडिकल कॉलेजों में यह आंकड़े बेहद कम हैं। अब इनमें सुधार का जिम्मा GMC डीन डॉ. कविता एन सिंह ने लिया है। जिसके तहत इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह प्लान सफल रहता है तो अगले कुछ सालों में गांधी मेडिकल कॉलेज देश के टॉप संस्थानों में शामिल हो सकता है। इस कार्यशाला में देशभर के जाने-माने विशेषज्ञ, शोधकर्ता और संस्थान हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद), IRSHA पुणे और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तक शामिल है।