लोगों को मिल सकेगी फ्री एंट्री

घर पर भी उगाया जा सकेगा मिनी जंगल

भोपाल। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर राजधानी भोपाल के डीबी मॉल में मध्यप्रदेश का पहला ओपन ऑक्सीजन स्टेशन बनाया गया है। यह स्टेशन आम लोगों के लिए फ्री है। इसे ‘जंगल वास’ संस्था ने तैयार किया है। इसकी खास बात ये है कि इस तरह का ऑक्सीजन स्टेशन कोई भी व्यक्ति अपने घर की छत, बालकनी, पेंटहाउस, कैफे या ऑफिस में तैयार कर सकता है।भोपालके डीबी मॉल में लगा यह ऑक्सीजन स्टेशन 1 जून से 5 जून तक दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक आम लोगों के लिए खुला रहेगा। इसका मकसद है कि लोग देख सकें कि कैसे छोटे स्तर पर भी पर्यावरण के लिए बड़ा योगदान दिया जा सकता है।

क्या है ऑक्सीजन स्टेशन?

भोपाल की पर्यावरणविद् और जंगल वास की संस्थापक साक्षी भारद्वाज ने बताया कि ऑक्सीजन स्टेशन एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र है, जो बायोडायवर्सिटी और सस्टनेबिलिटी को बढ़ावा देता है। इसमें कम्पोस्ट (एक प्रकार का जैविक खाद है, जो पत्तियों, रसोई का कचरा आदि के अपघटन से बनता है) जैसे प्राकृतिक और टिकाऊ मटेरियल का उपयोग किया गया है।इसमें 10 से लेकर 1000 प्रकार की पौधों की प्रजातियां लगाई जाती हैं। इनमें हवा शुद्ध करने वाले, खाने योग्य और पौधे शामिल होते हैं।

डीबी मॉल में लगे दुनियाभर से लाए गए चुनिंदा पौधे

साक्षी ने बताया कि यह एक जरिया है जहां कोई भी व्यक्ति अपने घर की छत, बालकनी, पेंटहाउस, कैफे या ऑफिस में छोटा-सा ऑक्सीजन जोन तैयार कर सकता है। वहीं, इसमें तरह तरह के पेड़ पौधे होते है जो ज्यादा मात्रा में आक्सीजन देते है।साक्षी ने बताया कि यह सिर्फ हरियाली नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ने का एक तरीका है। अब तक मध्य प्रदेश के में कुल 100 ऑक्सीजन स्टेशन बनाए जा चुके है। लेकिन डीबी मॉल में लगाया गया यह पहला ऑक्सीजन स्टेशन होगा जो ओपन हैं। साथ ही यहां पर इनडोर और आउटडोर पौधे लगाएं गए है। यह भारत सहित दुनियाभर से लाए गए चुनिंदा और हैंडपिक्ड पौधे हैं।

कैसे बनता है ऑक्सीजन स्टेशन

इसे लेकर साक्षी भारद्वाज ने बताया कि जिसे ऑक्सीजन स्टेशन बनवाना होता है। ‘जंगल वास’ की टीम सबसे पहले उस जगह पर जाकर एरिया का मुआयना करती है। फिर वहां की जगह के अनुसार स्टेशन का डिजाइन तैयार किया जाता है और उपयुक्त पौधों का चयन किया जाता है। इसे पूरी तरह से कस्टमाइज किया जा सकता है चाहें तो फलदार पौधे लगवाएं या सजावटी।

जंगल वास की उपलब्धियां

  • जंगल वास ने अब तक भारत में 6 मिनी फॉरेस्ट तैयार किए हैं।
  • 2021 में संस्था को OMG बुक ऑफ नेशनल अवॉर्ड्स से नवाजा गया।
  • 2024 में जंगल वास को अंतरराष्ट्रीय मंच COP29 (बाकू, अजरबैजान) में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला।

अब जानिए कौन हैं पर्यावरणविद् साक्षी भारद्वाज

भोपाल की रहने वाली साक्षी भारद्वाज इस पूरी मुहिम की अगुआई कर रही हैं। वो माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी कर चुकी हैं। साक्षी ने बताया कि उन्होंने साल 2018 से 2019 के बीच करीब 450 से अधिक प्रजातियों के 6000 से ज्यादा पौधे लगाए हैं और अब तक 6 मिनी जंगल बसा चुकी हैं।

  • उन्हें मध्य प्रदेश राज्य युवा पुरस्कार भी मिल चुका है।
  • साक्षी स्वच्छता भोपाल अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी हैं।
  • वे संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक पर्यावरण कॉन्फ्रेंस COP29 में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।

क्यों खास है यह स्टेशन?

साक्षी ने बताया कि यह न केवल यूनिसेफ जैसे संगठनों द्वारा पर्यावरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि यह एक व्यवसायिक अवसर भी बन सकता है। शुद्ध हवा, हरियाली और आत्मिक शांति देने वाला यह मॉडल आने वाले समय में शहरी जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बन सकता है।