• कांग्रेस विधायक ने उठाया परिवार की सुरक्षा का मुद्दा

  • पटेल बोले-जांच होगी, थाना प्रभारी को सस्पेंड किया

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का आज आठवां दिन है। कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने कानून व्यवस्था का मामला उठाया। सेमरिया से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने प्रश्नोत्तर काल के दौरान अपने और बेटे पर दर्ज केस को लेकर कहा कि उनका चुनाव लड़ना अपराध हो गया है। थाना चोरहटा में उनके और उनके बेटे विभूति नारायण मिश्रा के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा-

प्रभारी उपनिरीक्षक और फिर बाद में निरीक्षक अवनीश पांडेय द्वारा केस दर्ज करने के बाद खात्मा लगा दिया गया।

इसका जवाब देते हुए मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि परिवार से जुड़ा मसला हो तो केस के निराकरण के लिए दूसरे रास्ते हो सकते हैं। मंत्री ने कहा कि अभय मिश्रा के मामले में दोनों ही अधिकारी एक नहीं थे। रिपोर्ट करने वाले हीरामणि पटेल थे, जांच करने वाले राजेश तिवारी थे। मंत्री ने कहा-

यह सच है कि थाना प्रभारी एक है। मंत्री ने कहा कि वह सहमत हैं कि भोपाल से अधिकारी भेजकर उच्च स्तरीय जांच करा ली जाए। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करेंगे। कांग्रेस विधायक मिश्रा ने कहा कि न्याय के लिए आपके चरणों में गिरने को तैयार हैं पर कार्यवाही होनी चाहिए। इस पर मंत्री पटेल ने कहा कि किसी तरह का अन्याय नहीं होने देंगे। पुलिस का मनोबल बना रहे, इसलिए उन्हें जिले से हटाकर जांच कर लेते हैं। मंत्री ने घोषणा की कि थाना प्रभारी को निलंबित करेंगे और जांच कराएंगे। इस बीच विधायक अजय सिंह ने कहा कि अगर पहले ऐसी कार्रवाई हो जाती तो मऊगंज जैसी घटना नहीं होती। इस पर जमकर शोर-शराबा हुआ। इसके बाद नेता प्रतिरोध प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि विधायक नारायण सिंह पट्टा के साथ भी ऐसे ही घटना हो चुकी है। जो अच्छा करे उसे सजा नहीं मिलनी चाहिए, लेकिन जो गलत करे उसे सजा मिलनी चाहिए।

सदन में रो पड़े मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल

विधायक अभय मिश्रा के सवाल के जवाब के दौरान मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल उस समय रो पड़े जब यह कहा गया कि विधायक और उसका परिवार सुरक्षित नहीं है। ऐसे मामले में सरकार को फैसला लेना चाहिए। मंत्री पटेल के बेटे के साथ भी पिछले साल इसी तरह की घटना हो चुकी है। उसे याद कर वे रो पड़े और कहा कि उनके बेटे के खिलाफ भी थाने में केस है।