तीन सदस्यीय कमेटी जांच कर सौंपेगी रिपोर्ट
मिलेगा 25 लाख का मुआवजा

लखनऊ। महाकुंभ में हुए हादसे की न्यायिक जांच की जाएगी। पीड़ितों को 25 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। महाकुंभ भगदड़ मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संगम तट पर एक दुर्भाग्यपूर्ण हदासा हुआ है। जिसमें 90 से ज्यादा लोग घायल हुए। जिसमें करीब 30 लोगों की मौत हो चुकी है। घटना दुखद है उन सभी परिजनों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है। मुख्यमंत्री ने हादसे की न्यायिक जांच के आदेश देते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। इस आयोग के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार होंगे, जबकि पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डी.के. सिंह को आयोग में शामिल किया गया है। यह आयोग एक समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट देगा। पुलिस भी मामले की जांच करेगी और हादसे के कारणों की गहराई से पड़ताल की जाएगी। यही नहीं, गुरुवार को मुख्य सचिव और डीजीपी भी प्रयागराज जाकर घटना की समीक्षा करेंगे। 
मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा 
मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरी चिंता जताते हुए कहा, प्रशासन ने कई दौर की समीक्षा बैठकें की थीं, फिर भी यह हादसा कैसे हुआ? इसकी गहन जांच होगी। सरकार ने मृतकों के परिवारों को ?25-25 लाख की सहायता राशि देने की भी घोषणा की है। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव और डीजीपी को गुरुवार को घटनास्थल का दौरा कर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। वे हालात का जायजा लेंगे और रिपोर्ट सौंपेंगे। वहीं तमाम व्यवस्था के बावजूद घटना होने की वजह से मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार को बृहस्पतिवार को प्रयागराज जाने का निर्देश दिया गया है। दोनों अधिकारी घटना के कारणों की समीक्षा करेंगे और अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंपेंगे। वहीं घटना के बारे में सीएम ने कहा कि यह दुखद और मर्माहत करने वाली है। उन सभी परिजनों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है। हम लोग रात से ही लगातार मेला प्राधिकरण, प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के संपर्क में हैं। फिर भी अन्य जितनी भी व्यवस्थाएं हो सकती थीं, उन सबको वहां तैनात किया गया था।
महाकुम्भ मेला क्षेत्र में हुए हादसे का अपडेट 
बुधवार देर शाम मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्ण ने मौनी अमावस्या के पर्व पर संगम नोज में हुए हादसे की विस्तृत जानकारी दी।  
उन्होंने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त से पूर्व प्रात: एक बजे से 2 बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना। भीड़ के दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरीकेड्स टूट गए और लोग बैरीकेड्स लांघकर दूसरी तरफ आ गए और ब्रह्म मुहूर्त पर स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को कुचलना शुरू कर दिया। शासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य करते हुए भीड़ को हटाया और एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन इसमें से दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई है। इनमें से 25 की पहचान हो चुकी है और शेष की शिनाख्त की जानी बाकी है। मृतकों में कुछ लोग बाहर के प्रदेशों से हैं, जिसमें कर्नाटक से 4, असम से एक, गुजरात से एक है। कुछ घायलों को परिवार के लोग लेकर चले गए हैं तथा 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन के द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है। इस समय स्थिति सामान्य है। 29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। आज मेला प्रशासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल इंटरटेन नहीं किया। जो भी मुख्य स्नान पर्व हैं उस पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।