• छोटे बेटे की अनुकंपा नियुक्ति के लिए छिपाई बड़े बेटे की सरकारी नौकरी

ग्वालियर । आरटीओ के पूर्व करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा केस में अब पांचवीं जांच एजेंसी की एंट्री हो गई है। लोकायुक्त, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय), आयकर विभाग और डीआरआई (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) के बाद अब ग्वालियर पुलिस ने सौरभ शर्मा और उसकी मां उमा शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सौरभ शर्मा और उमा शर्मा के खिलाफ ग्वालियर के सिरोल थाना में शुक्रवार रात करीब साढ़े 11 बजे धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है। यह केस सहायक परिवहन आयुक्त (शिकायत) किरन कुमार के आवेदन पर दर्ज किया गया है। साल 2016 में परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति लेते समय सौरभ और उसकी मां उमा शर्मा ने शपथ पत्र में बड़े भाई सचिन शर्मा की छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी की बात छिपाई थी। मुख्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद अब ग्वालियर में दोनों पर मामला दर्ज कराया गया है।

सचिन शर्मा की छत्तीसगढ़ में नौकरी की पुष्टि पुलिस को दिए आवेदन के मुताबिक, सहायक परिवहन आयुक्त को एक जनवरी 2025 को संयुक्त परिवहन आयुक्त (प्रशासन) की ओर से एक पत्र मिला था। जिसमें सेवानिवृत परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा की नियुक्ति को लेकर दिए गए शपथ पत्र की जांच के निर्देश थे। सहायक परिवहन आयुक्त (शिकायत) ने जांच की और सर्विस रिकॉर्ड मंगाया। सौरभ शर्मा ने शपथ पत्र में यह जिक्र नहीं किया कि उसका बड़ा भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी में है। सौरभ की नियुक्ति के लिए उसकी मां उमा शर्मा ने भी शपथ पत्र दिया था। जिसमें बड़े बेटे की सरकारी नौकरी की बात छिपाई थी। जांच के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त विभाग में संपर्क किया गया और वेबसाइट से कर्मचारियों की सूची निकाली तो वहां सौरभ के बड़े भाई सचिन शर्मा के सड़क विकास निगम रायपुर में तैनात होने की पुष्टि हुई। जिससे शपथ पत्र झूठे होने का प्रमाण मिला है। इस पर पुलिस ने सौरभ और उसकी मां उमा शर्मा पर धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है। सौरभ की नियुक्ति को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू पहले ही लोकायुक्त में शिकायत कर चुके थे। बता दें कि दैनिक भास्कर 20 दिन पहले ही खुलासा कर चुका था कि सौरभ पर झूठे शपथ पत्र में मामला दर्ज होने वाला है।