• हाईकमान खेल सकता है ट्राइबल या सरप्राइज कार्ड

भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर हलचल तेज हो गई है। 1 जुलाई को नामांकन और 2 जुलाई को नाम की घोषणा हो जाएगी। पार्टी इस बार आदिवासी नेता को मौका देकर सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश कर सकती है, जबकि कुछ महिला नेताओं के नामों को लेकर भी अटकलें तेज हैं। ऐसे में हाईकमान किसी सरप्राइज नाम का भी ऐलान कर सकता है। मध्यप्रदेश में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। पार्टी हाईकमान की मंजूरी के बाद दावेदारों ने अंतिम दौर की जोड़-तोड़ तेज कर दी है। बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं, हालांकि इस बार पार्टी आदिवासी वर्ग से अध्यक्ष नियुक्त कर ‘ट्राइबल कार्ड’ भी खेल सकती है। केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उईके, खरगोन सांसद गजेंद्र पटेल और पूर्व मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे नाम भी इसी समीकरण में शामिल हैं। मप्र भाजपा का अगला अध्यक्ष आदिवासी वर्ग से हो सकता है या हाईकमान कोई अप्रत्याशित निर्णय लेकर चौंका सकता है।  अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया 1 जुलाई को होगी, जब केंद्रीय चुनाव अधिकारी धर्मेंद्र प्रधान भोपाल पहुंचेंगे। नामांकन और रायशुमारी के बाद 2 जुलाई को कार्यसमिति की बैठक में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जाएगी। मध्यप्रदेश में 22% से अधिक आबादी आदिवासी वर्ग की है। ऐसे में संगठन लंबे समय बाद आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सामाजिक संतुलन साध सकता है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश गठन के बाद से अभी तक किसी आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया है।
यह हो सकते है संभावित चेहरे 
बैतूल से विधायक और पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल को दौड़ में सबसे मजबूत बताया जा रहा है। इसका कारण उनकी संगठन में मजबूत पकड और  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पसंद एवं आरएसएस पदाधिकारी सुरेश सोनी के करीबी होना बताया जा रहा है। वहीं, साथ ही  केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उईके भी रेस में आ गए है। उनकी मजबूती का कारण आरएसएस से संपर्क में रहने वाले, लो-प्रोफाइल और सर्वमान्य नेता होना है। साथ ही खरगोन से सांसद को भी  दिल्ली में हाईकमान से लगातार संपर्क, क्षेत्रीय समीकरणों में फिट बैठने की वजह से दावेदार माना जा रहा है।
हाईकमान का सरप्राइज भी संभव
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, चुनावी दबाव नहीं होने के कारण संगठन नए प्रयोग के रूप में किसी महिला नेत्री को भी मौका दे सकता है। इसमें केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर, सीमा सिंह और सांसद लता वानखेड़े के नाम चर्चा में हैं। देशभर में भाजपा के 37 राज्यों में से 19 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव शेष है। 10 जुलाई तक राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा की संभावना है। हाल ही में पार्टी ने 3 राज्यों के चुनाव अधिकारियों की घोषणा की है, जिससे संकेत मिल रहे हैं कि राष्ट्रीय नेतृत्व अब संगठनात्मक पुनर्गठन को लेकर सक्रिय हो गया है।