परिसीमन के पहले 45 विधानसभाओं पर बीजेपी का प्लान

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जिस सामान्य सीट पर दलित-आदिवासी निर्णायक
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वहां फीडबैक लेंगे MP-MLA
भोपाल । मध्यप्रदेश के भाजपा विधायकों और सांसदों को पचमढ़ी में 3 दिनों तक अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण शिविर में बीजेपी ने दलित-आदिवासी वर्ग के प्रभाव वाली सीटों को लेकर विधायकों, सांसदों के ग्रुप बनाकर चर्चा की। इस चर्चा में बीजेपी ने विधायकों को यह टारगेट दिया है कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र के उन वर्गों से बातचीत करें जो हार-जीत तय करते हैं।
बीजेपी ने उन सीटों को इस लिस्ट में रखा है जो सामान्य यानी अनारक्षित हैं। लेकिन, हार जीत में दलित आदिवासी वर्ग के वोटर महत्वपूर्ण भूमिका में हैं। इस चर्चा से साफ है कि आगामी समय में इन 45 अनारक्षित विधानसभाओं में से कुछ सीटें आरक्षित हो सकती हैं। इनको लेकर बीजेपी गंभीर है और परिसीमन के बाद होने वाले चुनाव की तैयारी में जुट गई है। अनुसूचित जाति वर्ग के विधायक, सांसदों के साथ चर्चा के दौरान बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल। साथ में एससी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य और विधायक विष्णु खत्री।
तीन समूहों में हुई चर्चा इस ग्रुप डिस्कशन में तीन प्रकार से विधानसभा सीटों को विभाजित किया गया था। पहले समूह में एससी वर्ग के प्रभाव वाली 71 विधानसभा सीटों के विधायकों के साथ चर्चा की गई। इस समूह की बैठक को क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल ने संबोधित किया। दूसरे समूह में आदिवासी वर्ग के प्रभाव वाली 56 सीटों के विधायकों को रखा गया। इस समूह से प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने चर्चा की। तीसरे ग्रुप में अन्य 74 विधानसभा सीटों के विधायकों, सांसदों के साथ मंत्री राकेश सिंह ने चर्चा की।