भोपाल में एक घंटे के कार्यक्रम के लिए फूंक डाले 26 लाख 7 लाख का पेट्रोल 11 लाख खाना
भोपाल।
13 दिसंबर 2024 को एमपी के 8वें टाइगर रिजर्व के रूप में भोपाल के रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण किया गया था। इस दौरान एक बाइक रैली का भी आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के 7 महीने बाद इसके खर्च पर सवाल उठे हैं। आरोप है कि वन विभाग ने करीब एक घंटे के इस कार्यक्रम को लेकर करीब 27 लाख खर्च कर दिए गए। अकेले बाइक में पेट्रोल डलवाने के नाम पर 7 लाख रुपए से ज्यादा खर्च होना बताया गया। जबकि भोजन व्यवस्था पर करीब 11.50 लाख का बिल बनाया गया। वहीं 2.36 लाख रुपए हेलमेट पर खर्च कर दिए गए। आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने इसे लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन से शिकायत की है। उन्होंने इस खर्च की जांच और कार्रवाई की मांग की है। अजय दुबे ने पत्र में लिखा है कि रातापानी टाइगर रिजर्व के लोकार्पण के मौके पर भोपाल डीएफओ ने 5 हजार लोगों को भोजन कराया है। इस कार्यक्रम के वीडियो और तस्वीरें इतनी अधिक भीड़ होने की बात को नकारती है।
डीएफओ ने साढ़े 3 हजार बाइकर्स शामिल होने की कही बात
दूसरी ओर इस आयोजन में बाइकर्स की रैली में शामिल बाइक की संख्या पर भी सवाल उठे हैं। डीएफओ भोपाल रैली में साढ़े तीन हजार बाइकर्स के शामिल होने की बात कह रहे हैं जबकि हकीकत में यह संख्या काफी कम बताई जा रही है। बाइक रैली के नाम पर 7 लाख रुपए से अधिक का खर्च होना बताया गया है। भोपाल वन मंडल के अधिकारियों ने एक बिल भुगतान के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी को भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि जनकल्याण पर्व पर बाइक रैली के लिए बजट आवंटन किया जाए। बिल पेश करने संबंधी पत्र में कहा गया है कि बाइकर्स को पेट्रोल का भुगतान आईएफएमआईएस से ग्लोबल बजट हेड से स्वीकृत करने की अनुमति दी जाए।
रातापानी टाइगर रिजर्व भोपाल वनमंडल का हिस्सा ही नहीं
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होने पहुंचे थे। खास बात यह है कि रातापानी टाइगर रिजर्व के लोकार्पण के नाम पर इतनी मोटी रकम खर्च की गई जबकि रातापानी टाइगर रिजर्व भोपाल वनमंडल का हिस्सा ही नहीं है। यह टाइगर रिजर्व पूरी तरह से रायसेन जिले में हैं और सीहोर का कुछ हिस्सा इसमें आता है। भोपाल, रायसेन और सीहोर के युवाओं की यह रैली रातापानी टाइगर रिजर्व के गोल जोड़ तक कराई गई थी।