डीजीसीए की बड़ी तैयारी : पायलटों को मिलेगी राहत

- आराम का वक्त बढ़ेगा, 1 जुलाई से ड्यूटी मानदंड में होगा संशोधन
नई दिल्ली। देश भर के पायलटों के खुशखबरी है। दरअसल, उन्हें हर हफ्ते मिलने वाले ब्रेक को मौजूदा 36 घंटों से बढ़ाकर 48 घंटे किया जाएगा। डीजीसीए ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि एयरलाइंस 1 जुलाई से चरणबद्ध तरीके से पायलटों के लिए ड्यूटी और विश्राम घंटों पर संशोधित मानदंडों को लागू करेंगी। दिल्ली उच्च न्यायालय में पेश किए गए एक हलफनामे में कहा गया है कि पायलटों के साप्ताहिक विश्राम अवधि को मौजूदा 36 घंटों से बढ़ाकर 48 घंटे किया जाएगा। डीजीसीए ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि एयरलाइंस 1 जुलाई से चरणबद्ध तरीके से पायलटों के लिए ड्यूटी और विश्राम घंटों पर संशोधित मानदंडों को लागू करेंगी। नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने न्यायमूर्ति तारा वितस्ता गंजू को यह भी सूचित किया कि शेष संशोधित नियम 1 नवंबर से लागू किए जाएंगे।
पहले 1 जून 2024 में किया जाना था लागू
वहीं अन्य पहलुओं के अलावा, एयरलाइंस यह सुनिश्चित करेंगी कि संशोधित मानदंडों के तहत एक साप्ताहिक आराम अवधि के अंत और अगले की शुरुआत के बीच 168 घंटे से अधिक का समय न हो। बता दें कि, डीजीसीए का संशोधन नागरिक विमानन आवश्यकता (सीएआर) उड़ान ड्यूटी समय सीमा से जुड़ा है और पायलटों की थकान पर चिंताओं के बीच पायलटों के लिए अधिक आराम का समय प्रदान करना चाहती है। शुरुआत में इसे 1 जून, 2024 से लागू किया जाना था।
सीएआर को लागू करने में पर्याप्त प्रगति हुई
डीजीसीए ने एयरलाइंस, पायलट समूहों और नागरिक विमानन मंत्रालय के प्रतिनिधियों के बीच बैठकों के परिणाम पर विचार करने के बाद रोडमैप के चरणबद्ध कार्यान्वयन पर अदालत में एक हलफनामा पेश किया। डीजीसीए का प्रतिनिधित्व करने वाली अतिरिक्त महाधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सीएआर को लागू करने के मामले में पर्याप्त प्रगति हुई है। अधिकारियों ने 1 जुलाई, 2025 तक अधिकांश नियमों को लागू करने का फैसला किया, जबकि एक छोटा हिस्सा (जिन पहलुओं पर अभी भी विचार किया जा रहा है) 1 नवंबर, 2025 तक लागू किया जाएगा। मामले की सुनवाई 24 फरवरी को होगी।
पायलटों में थकान से निपटने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव
अदालत भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ, भारतीय पायलट गिल्ड और भारतीय पायलट संघ की तरफ से डीजीसीए की संशोधित उड़ान ड्यूटी समय सीमाओं से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। पायलट संघों के वकील ने पहले कहा था कि सिद्धांत रूप में, सीएआर 2024 कुछ शर्तों के अधीन स्वीकार्य है। वकील ने कहा कि अगर इसे लागू किया जाता है, तो अधिकांश शिकायतों का समाधान हो जाएगा। पायलटों में थकान से निपटने के लिए मौजूदा मानदंडों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। हलफनामे में कहा गया है कि साप्ताहिक आराम अवधि को मौजूदा 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे किया जाएगा।
48 घंटे का न्यूनतम साप्ताहिक आराम दिया जाए
इसमें कहा गया है, एक ऑपरेटर यह सुनिश्चित करेगा कि दो स्थानीय रातों समेत लगातार 48 घंटे का न्यूनतम साप्ताहिक आराम प्रदान किया जाए, ताकि एक साप्ताहिक आराम अवधि के अंत और अगले की शुरुआत के बीच कभी भी 168 घंटे से अधिक का समय न हो। हलफनामे में आगे कहा गया, ऑपरेटर को अपने होम बेस/अस्थायी होम बेस पर साप्ताहिक विश्राम प्रदान करना होगा। नोट 2: 168 घंटों की गणना पिछले साप्ताहिक विश्राम अवधि के अंत से की जाएगी। सीएआर के अनुसार, रात में उड़ान संचालन के लिए अधिकतम उड़ान समय और अधिकतम उड़ान ड्यूटी अवधि क्रमश: आठ घंटे और दस घंटे तक सीमित होनी चाहिए। रात में लैंडिंग की संख्या वर्तमान छह की तुलना में दो लैंडिंग तक सीमित होनी चाहिए। उच्च न्यायालय ने डीजीसीए को एसोसिएशन, एयरलाइंस और मंत्रालय के साथ बैठक करने को कहा था।