• CGM बोले- जांच कमेटी बनीं, MD ने कहा-प्रक्रिया नियमानुसार

भोपाल । मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में मत्स्य पालन के 25 करोड़ रुपये के टेंडर में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। वानसुजारा तालाब में मछली पालन के ठेके में एक खास फर्म को अनुचित लाभ पहुंचाने के आरोप लगे हैं। तकनीकी शर्तों की अनदेखी कर फर्म को योग्य घोषित किया गया, जिससे टेंडर प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में 25 करोड़ रुपये के मछली के ठेके के टेंडर में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। आरोप है कि वानसुजारा तालाब में मछली के ठेके के लिए जारी टेंडर की शर्तों को ताक पर रखकर एक खास फर्म को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके विरोध और शिकायत के बाद भी अधिकारियों ने संबंधित फर्म के आवेदन को स्वीकार कर तकनीकी निविदा में पास कर दिया, जिससे पूरे प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं। जानकारी के अनुसार, टीकमगढ़ के वानसुजारा तालाब में मछली का ठेका लेने का टेंडर भरने की अंतिम तिथि 19 मई थी, जिसमें कुल सात आवेदकों ने हिस्सा लिया। टेंडर की शर्तों के अनुसार, यदि किसी कंपनी द्वारा आवेदन किया जाता है तो कंपनी के दस्तावेज अनिवार्य हैं, जबकि व्यक्तिगत आवेदन पर व्यक्तिगत दस्तावेजों की जरूरत होती है। 20 मई को जब टेंडर खोले गए, तो एक फर्म मेसर्स चौधरी फिश सेंटर द्वारा कंपनी के रूप में आवेदन किया गया, लेकिन उसके साथ जो दस्तावेज जमा किए गए, वे किसी नईम नामक व्यक्ति के थे। यह शर्तों का सीधा उल्लंघन था।

पहले आवेदन निरस्त करने की बात, फिर अचानक मंजूरी
इस गड़बड़ी का अन्य प्रतिभागियों ने कड़ा विरोध किया। टेंडर समिति ने पहले संबंधित आवेदन को निरस्त करने की बात कही, लेकिन दो दिन बाद उस फर्म का फॉर्म स्वीकार कर उसे तकनीकी रूप से सही बता दिया गया। इतना ही नहीं, उसी फर्म से जुड़े तीन टेंडर भी डाले गए, जिससे संदेह और गहरा हो गया।

सीजीएम और एमडी के बयान विरोधाभासी
इस मामले पर मत्स्य महासंघ के सीजीएम रवि गजभिये ने कहा है कि शिकायत पर एमडी मैडम ने जांच कमेटी गठित कर दी है। वहीं, एमडी निधि निवेदिता का कहना है कि जब टेंडर की तकनीकी निविदा खोली गई तो शिकायत आई थी, जिसके बाद सीए से अभिमत लेकर आगे की कार्रवाई की गई। वहीं, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग की एमडी निवेदिता ने कहा कि 'कंपनी का नाम लिखा था, लेकिन दस्तावेज व्यक्ति के लगे थे। हमने सीएस से अभिमत लेकर कार्रवाई की है। एमडी और सीजीएम के ये विरोधाभासी बयान मामले को और उलझा रहे हैं और गड़बड़ी की आशंका को बल दे रहे हैं।
शिकायतकर्ता बोले- कार्रवाई नहीं हुई तो जाएंगे कोर्ट
इस पूरे प्रकरण की शिकायत करने वाली मेसर्स यश इंटरप्राइजेस के राजेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले की सूचना दी है। साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय को भी पूरी गड़बड़ी से अवगत करा रहे हैं। यदि मामले में कार्रवाई नहीं हुई, तो न्यायालय की शरण में जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।