सीबीआई अधिकारी बनकर किया गया फ्रॉड

नई दिल्ली । स्कैमर्स ने उन्हें डराया और कहा कि अगर उन्होंने सहयोग नहीं किया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी और उन्हें "डिजिटल गिरफ्तारी" झेलनी पड़ेगी। इस डर से महिला पूरी तरह उनके झांसे में आ गईं। उन्हें घर में ही रहने और इस मामले की जानकारी किसी को न देने की सख्त हिदायत दी गई। तमाम जागरूकता अभियान के बावजूद भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हर दिन लोग साइबर स्कैम के शिकार हो रहे हैं। ये स्कैम कई तरीके से हो रहे हैं। कभी किसी को डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है तो कभी किसी के फोन में एप इंस्टॉल करवाकर बैंक अकाउंट खाली किए जा रहे हैं। अब दक्षिण मुंबई की एक 86 वर्षीय बुजुर्ग महिला से 20 करोड़ रुपये ठगने का मामला सामने आया है।

कैसे हुई ठगी?

यह धोखाधड़ी तब शुरू हुई जब बुजुर्ग महिला को एक फोन कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई (CBI) अधिकारी बताया और दावा किया कि उनकी आधार कार्ड से जुड़ा एक बैंक खाता मनी लॉन्ड्रिंग (अवैध धन लेन-देन) में इस्तेमाल किया गया है। स्कैमर्स ने उन्हें डराया और कहा कि अगर उन्होंने सहयोग नहीं किया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी और उन्हें "डिजिटल गिरफ्तारी" झेलनी पड़ेगी। इस डर से महिला पूरी तरह उनके झांसे में आ गईं। उन्हें घर में ही रहने और इस मामले की जानकारी किसी को न देने की सख्त हिदायत दी गई।

दो महीने तक लगातार की गई निगरानी

इसके बाद, ठगों ने महिला को लगातार फोन कर उनकी स्थिति की जानकारी ली और यह सुनिश्चित किया कि वे किसी से बात न करें। इसी दौरान, महिला से बैंक खाते की जानकारी मांगी गई, यह कहकर कि उनकी पहचान को मनी लॉन्ड्रिंग मामले से हटाने के लिए यह जरूरी है। इस बहाने, महिला से धीरे-धीरे 20 करोड़ रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए।

कैसे हुआ खुलासा?

यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब महिला के घरेलू नौकर को उनकी असामान्य हरकतों पर शक हुआ और उसने उनकी बेटी को सूचित किया। बेटी ने पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद साइबर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि महिला द्वारा ट्रांसफर किए गए पैसे कई बैंक खातों में जमा कराए गए थे। पुलिस ने इन खातों को ट्रैक किया और 77 लाख रुपये की रकम फ्रीज कर दी।

आरोपियों की गिरफ्तारी

पुलिस ने इस मामले में 20 वर्षीय शायन जमील शेख को गिरफ्तार किया, जिसके खाते में 4.99 लाख रुपये ट्रेस किए गए। उससे पूछताछ करने पर मिरा रोड निवासी रजीक अज़ान बट और अंधेरी निवासी हृतिक शेखर ठाकुर को भी गिरफ्तार किया गया। इन दोनों आरोपियों ने बैंक खातों से भारी रकम निकाली थी। पुलिस अब अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है और इस घोटाले से जुड़े पूरे नेटवर्क को उजागर करने में जुटी है।

सावधान रहें, सतर्क रहें!

यह घटना इस बात का सबूत है कि ठग किस तरह बुजुर्गों को डराकर धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं। अगर कोई भी फोन कॉल पर खुद को सरकारी अधिकारी बताकर बैंक डिटेल मांगे या पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहे, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें। सतर्कता ही सुरक्षा है!