इंदौर। जाम जानलेवा साबित हो चुके इंदौर के बाइपास पर लगे जाम को लेकर जब हल्ला मचा तो केबिनों ट्रैफिक सुधार के लिए बैठकें करने वाले अफसर बैैठक जाम खुलवाने दौड़े। इंदौर में भोपाल के जो अफसरों बैठकों में शामिल होने आए थे। लौटते समय जब वे जाम में फंसे तो अधिनस्थ अफसरों को उन्होंने झाड़ा। नतीजा शनिवार सुबह से ही अमला मौके पर जा पहुंचा। सोशल मीडिया पर मैसेज चलवाए गए कि जाम से अब लोगों को राहत मिल रही है, लेकिन हकीकत यह थी कि लगातर दूसरे दिन भी वाहन रेंगते रहे। महाजाम के बीच अर्जुन बड़ौद गांव के पास सर्विस रोड पर गड्ढों में गिट्टी भरवाई गई और उसे दबाने के लिए बुलडोजर चले। इस कवायद का हल्का असर शाम को नजर आया। तीन-चार घंटे फंसने वाले वाहन एक-दो घंटे में निकलने लगे।

कलेक्टर आशीष सिंह ने खुद मोर्चा संभाला और वे मौके पर पहुंचे और पेचवर्क का काम देखा। ब्रिज के आसपास लगे बेरिकेड हटाकर उस हिस्से को भी वाहनों के चलने लायक बनाया गया,ताकि दो लेन में वाहन चल सके। एडीएम रोशन राय को अर्जुन बड़ौदा क्षेत्र में पूरी टीम के साथ तैनात किया और देवगराड़िया क्षेत्र में एसडीएम अजय शुक्ला खड़े थे, जबकि राऊ वाले हिस्से में एसडीएम राकेश परमार व्यवस्थाएं संभाल रहे थे। अर्जुन बड़ौद गांव में ब्रिज निर्माण के कारण ट्रैफिक को सर्विस रोड पर शिफ्ट किया गया है। सर्विस रोड पर गड्ढे हो चुके है। यहां पेचवर्क किया गया है, लेकिन भारी वाहनों के कारण पेचवर्क भी ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगा। 
 
वाह को वैकल्पिक मार्गों की तरफ मोड़ानों

अर्जुन बड़ोद में दो दिन से लगा जाम बहला हो सके। इसके लिए मानपुर, देवगुराडि़या पर भारी वाहनों को रोका गया। चारपहिया वाहनों को भी उज्जैन होकर देवास की तरफ जाने का विकल्प दिया जा रहा था। अफसरों की कोशिश यही थी कि ब्रिज के आसपास वाहनों की कतार न लगे और घंटे से फंसे वाहन निकल सके,हालांकि शाम तक अर्जुन बड़ौद गांव के आसपास वाहनों की कतार नजर आई।