• RSS का मूल विचार अपनापन; 26 अगस्त से शुरू होगा शताब्दी समारोह

पुणे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मूल विचार अपनापन है। अगर RSS को एक शब्द में बयान किया जाए तो वह 'अपनापन' होगा। भागवत बोले- संघ का उद्देश्य पूरे हिंदू समाज को अपनेपन और स्नेह के सूत्र में बांधना है। साथ ही, हिंदू समाज ने यह जिम्मेदारी भी ली है कि वह पूरी दुनिया को भी इसी अपनेपन के सूत्र में बांधे। संघ प्रमुख भागवत पुणे में आयुर्वेदाचार्य दिवंगत वैद्य पीवाय खडीवाले की जीवनी के विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे।

 

भागवत के बयान की बड़ी बातें...

  • जानवरों के मुकाबले इंसान के पास बुद्धि होती है। अगर वह बुद्धि का सही इस्तेमाल करे तो और बेहतर बन सकता है, लेकिन अगर उसी बुद्धि का गलत इस्तेमाल करे तो और भी बुरा बन सकता है। इंसान को बुराई से रोकने वाली एकमात्र चीज है अपनापन और स्नेह।
  • ‘गिविंग बैक’ शब्द आज अंग्रेजी में फैशन बन गया है, लेकिन भारत में यह भावना बहुत पहले से है। भागवत ने कहा कि संघ यह सिखाता है कि अगर कोई आपके प्रति अपनापन दिखा रहा है, तो आपको भी वैसा ही स्नेह और करुणा दिखानी चाहिए।
  • संघ क्या करता है। यह हिंदुओं को संगठित करता है। इस बढ़ती हुई आत्मीयता की भावना को और मजबूत किया जाना चाहिए, क्योंकि पूरा विश्व इसी से चलता है। वास्तविक एकता उस सामान्य सूत्र को पहचानने से आती है जो सभी को जोड़ता है।

26 अगस्त से शुरू होंगे RSS शताब्दी समारोह के आयोजन

आरएसएस अपना शताब्दी वर्ष सैकड़ों हिंदू सम्मेलनों और सामुदायिक बैठकों के साथ मनाने जा रहा है। जो पूरे देश में आयोजित होंगे। 2 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन अखिल भारतीय योजना बनाई है। शुरुआत 26 अगस्त को दिल्ली में मोहन भागवत की तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला से होगी। इसके बाद ये व्याख्यान मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता में आयोजित किए जाएंगे।