• उज्जैन गोपाल मंदिर में की आरती

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की यात्रा का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। आज भी यात्रा के माध्यम से हमें उन अवस्मिरणीय पलों की स्मृति होती है। खाती समाज के द्वारा निकाली जाने वाली यात्रा में दूर-दूर से श्रद्धलु और समाज जन शामिल होते है, जो हम सब की जीवटता का प्रमाण है। मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा इस्कॉन के माध्यम से निकाली जाने वाली जगन्नाथ यात्रा में विक्रमादित्य शोध पीठ को भी जोडा गया है, जिससे भगवान जगन्नाथ की अन्य लीलाओं और कथाओं की जानकारी भी आमजन को प्राप्त हो सके। भगवान श्री जगन्नाथ, भगवान बलराम और देवी सुभद्रा की बहुत सारी गाथाएं यात्रा से जुडी हुई हैं। इन सभी कथाओं का निचोड़ यह है कि भगवान के प्रति हम सभी अपने शुध्द कर्मों के आधार पर प्रेम अर्पित करें और उनकी भक्ती करें। परमात्मा की हम सबके उपर कृपा बनी रहे और उनके प्रेम की वर्षा हम सब पर होती रहे बस यही प्रार्थना है।    

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने उज्जैन से ही शिक्षा ग्रहण की थी और विश्व गुरु बने। भगवद गीता का जो ज्ञान उन्होनें अर्जुन सहित पूरे विश्व को दिया था, उसका बीज उज्जैन से ही अंकुरित हुआ। महर्षि सांदिपनी व्यास के द्वारा प्रदान की गई शिक्षा और ज्ञान से भगवान श्रीकृष्ण ने पूरे विश्व को आलोकित किया। भगवद गीता के अध्याय और श्लोक हम सबको जीवन में मार्गदर्शन देने के साथ कर्म करने की प्रेरणा भी देते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अवसर पर इस्कॉन के द्वारा निर्मित गीता ऐप की शुरुआत की। उल्लेखनीय है कि इस ऐप के माध्यम से भगवत गीता के श्लोक और अध्यायों का अध्ययन अध्यापन किया जाएगा और एक साथ बहुत सारे लोग भगवद गीता से संबंधित परीक्षाओं में सम्मिलित हो सकेंगे।

 विधायक अनिल जैन कालूहेडा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित क्षेत्रो, उनके उपदेशों और उनकी लीलाओं का व्यापक प्रचार- प्रसार करने के लिए श्रीकृष्ण पाथेय का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में गीता भवन बनाने का निर्णय लिया गया है। हर भवन में एक लाइब्रेरी होगी और पुस्तकों और ग्रंथों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण के उपदेश और जीवन लीलाओं का व्यापक प्रचार प्रसार कर सभी लोगों से परिचित करवाने का कार्य गीता भवन के माध्यम से किया जाएगा।