तरनतारन: थाना भिखीविंड के गांव माड़ी गौड़ सिंह में नाले से बरामद हुए आठ वर्षीय बच्चे की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस वारदात के पीछे कोई और नहीं बल्कि मृतक गुरप्यार सिंह पुत्र गुरमुख सिंह का 12 वर्षीय चचेरा भाई ही था।
पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर कार्रवाई शुरू कर दी है। हालांकि, नाबालिग होने के कारण आरोपित का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया। घर में साइकिल चलाते समय साइकिल की टक्कर लगने से गुरप्यार सिंह बेहोश हो गया था और डर के कारण उसके चचेरे भाई ने उसको घसीटकर नाले में फेंक दिया।

दो अप्रैल को लापता हुआ था बच्चा
एसपी (आई) अजयराज सिंह ने बताया कि माड़ी गौड़ सिंह निवासी गुरप्यार सिंह दो अप्रैल को लापता हो गया था। तीन बहनों के भाई गुरप्यार के लापता होने पर पिता गुरमुख सिंह ने पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई।

तब अज्ञात लोगों के खिलाफ अगवा करने का केस इसलिए दर्ज किया गया कि गांव की एक महिला ने दावा किया था कि बाइक पर सवार दो लोग गुरप्यार को अपने साथ ले गए थे।

बच्चे की मां सर्बजीत कौर, दादी कश्मीर कौर, पिता गुरमुख सिंह ने उस समय संदेह जताया था कि बच्चे का कहीं जानी नुकसान न हो जाए। चार अप्रैल को घर से महज 600 मीटर की दूरी पर निकासी नाले से बच्चे का शव बरामद किया गया। सब डिविजन भिखीविंड के डीएसपी प्रीतइंद्र सिंह की अगुआई में थाना भिखीविंड के प्रभारी मनोज कुमार ने जांच शुरू की।

साइकिल चला रहा था तो लगी टक्कर
टेक्निकल माहिरों की मदद लेने पर सामने आया कि गुरप्यार के चचेरे भाई ने ही घटना को अंजाम दिया। इसके बाद नाबालिग को पूछताछ के लिए स्वजन के साथ थाना भिखीविंड में बुलाया गया। यहां पर नाबालिग चचेरे भाई ने बताया कि दो अप्रैल को करीब साढ़े 12 बजे वह गली में साइकिल चला रहा था।

इस दौरान साइकिल की टक्कर से गुरप्यार सिंह बेहोश हो गया। डर के कारण आरोपित ने उसको घसीटकर नाले में फेंक दिया। एसपी ने बताया कि आरोपित के नाबालिग होने के कारण उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया जा रहा। आरोपित को अदालत में पेश कर अगली कार्रवाई की जा रही है।