नरवाई जलाने वाले किसानों पर कलेक्टर की पैनी नजर

-
योजनाओं से होंगे वंचित, लगेगा अर्थदंड
आगर मालवा । अब तक जिले के विभिन्न गांवों जैसे तनोडिया, भवानीपुरा, मोडी, बाजना, कड़िया, हिरनखेड़ी आदि में कुल 40 से अधिक किसानों को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने नरवाई जलाई। किसानों से अपील की गई है कि वे नरवाई का वैज्ञानिक प्रबंधन करें। खेतों में नरवाई जलाने वाले किसानों पर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह की सख्त नजर है। उन्होंने ऐसे किसानों पर अर्थ दंड लगाए जाने की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर का रुख देखते हुए कृषि और राजस्व अमला भी सक्रिय हो गया है। ऐसे में कृषि और राजस्व अमले की ओर से जिले के विभिन्न क्षेत्रों में खेतों में जली नरवाई का सर्वे करते हुए किसानों को चिन्हित किया है। अब इन पर अर्थ दंड की कार्रवाई होगी।
गेहूं अवशेष (नरवाई) जलाने से पशु-पक्षी, मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को होने वाली हानि को रोकने हेतु आगर-मालवा जिले में कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है। प्रतिबंध के बाद भी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में नरवाई जलाने वाले कृषकों पर नियमानुसार अर्थदंड लगाने हेतु बुधवार को राजस्व एवं कृषि विभाग के अमले द्वारा गांवों में पहुंचकर मौका मुआयना कर पंचनामा तैयार किया गया है। जिन पर नियमानुसार अर्थदंड लगाकर वसूलने तथा शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित करने की कार्रवाई की जाएगी।
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार तहसील आगर के ग्राम तनोडिया में कृषक भगवती पिता गंगाराम, बलवंत सिंह पिता निर्भय सिंह, कृष्णपाल सिंह पिता उमराव सिंह, गंगाराम पिता भागीरथ सहित 26 कृषकों द्वारा नरवाई जलाने पर पंचानामा बनाया गया। इसी तरह तहसील सुसनेर के ग्राम भवानीपुरा में कृषक इरफान खां पिता रहमान खां, मेहरबानसिंह पिता रामलाल सहित 05 कृषक, ग्राम मोडी, बाजना, कड़िया में कृषक श्री रामनारायण पिता देवीलाल, ललताबाई पति रामप्रसाद, अंजली पति गौर कुल 4 कृषक, तहसील नलखेडा के ग्राम हिरनखेडी में कृषक बद्रीलाल पिता बालुजी, प्रभुलाल पिता बालुजी, प्रभुलाल पिता रोडमल मालवीय द्वारा नरवाई जलाना पाया गया है। नरवाई नहीं जलाने की अपील कृषकों से अपील नरवाई नहीं जलाएं जिला प्रशासन की कृषकों से अपील है कि गेहूं अवशेष (नरवाई) नहीं जलाएं, नरवाई का प्रबंधन करें, जिससे की मिट्टी और अधिक उपजाऊ बनें। नरवाई जलाने की सैटेलाइट से निगरानी रखी जा रही है, नरवाई जलाने पर 2500 से 15 हजार रुपए तक जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाएगी।