उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ वालों के लिए खुशखबरी है. अब शहर में 100 वर्ग मीटर तक के प्लॉट पर घर बनाने और 30 वर्ग मीटर के प्लॉट पर व्यावसायिक निर्माण करने के लिए विकास प्राधिकरण से नक्शा पास नहीं कराना पड़ेगा. अब नक्शा पास कराए बिना ही लोग 100 वर्ग मीटर में मकान बना सकेंगे और 30 वर्ग मीटर में दुकान या अपना व्यावसायिक काम कर सकेंगे.

अब लोग जरूरत के हिसाब से अपने घरों में एक तय मानक तक व्यावसायिक निर्माण भी कर सकेंगे. इसको लेकर नई भवन निर्माण उपविधि 2025 बनाई गई है, जिसे 15 दिन तक आपत्ति और सुझाव लेने के बाद लागू किया जाएगा. नई भवन निर्माण उपविधि 2025 को सरल और आसान बनाया गया, जिससे आवासीय समेत अन्य गतिविधियों के लिए कम जमीन पर ज्यादा से ज्यादा निर्माण किया जा सके.

ऊंचाई पर अब कोई प्रतिबंध नहीं
इसके लिए आवास विभाग ने 18 साल पुरानी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2008 के स्थान पर नए सिरे से भवन निर्माण एवं विकास उपविधि को तैयार किया है. इसमें 24 मीटर या उससे ज्यादा चौड़ी सड़क पर स्थित आवासीय भूखंडों पर अब व्यावसायिक निर्माण किया जा सकेगा. अभी तक इसकी इजाजत नहीं थी. भवन की ऊंचाई पर अब कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा.

1500 वर्ग मीटर भूमि पर अपार्टमेंट
यही नहीं अब हैदराबाद, गुजरात और मुंबई की तर्ज पर 1500 वर्ग मीटर भूमि पर अपार्टमेंट बनाए जा सकेंगे. इनके नीचे व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति भी मिल सकेगी. यानी नई भवन निर्माण उपविधि 2025 के बाद कम जमीन पर ज्यादा से ज्यादा निर्माण किया जा सके. 30 वर्ग मीटर में दुकान बनाने के लिए और 100 वर्ग मीटर में घर बनाने के लिए अब नक्शा पास कराने के जरूरत नहीं पड़ेगी. सिर्फ पंजीकरण से ही काम चल जाएगा.

इसके साथ ही बिल्डिंग की ऊंचाई से भी प्रतिबंध हटा दिया गया है. हालांकि एयरपोर्ट, ASI स्मारकों, जिन पर आवासीय भूखंड और वैधानिक या प्रशासनिक प्रतिबंध अभी भी लागू रहेगा. वहां पर ऊंचाई के लिए इजाजत नहीं दी गई है. 15 मीटर तक की ऊंचाई वाली बिल्डिंग के लिए सेटबैक को चारों ओर से 5 मीटर तक बनाया गया है. इस तरह से कम जमीन पर ज्यादा ऊंचाई तक निर्माण की इजाजत दी जाएगी.