लापरवाही की गोशाला: ताला तोड़ अंदर पहुंचे तो मृत मिले गोवंश

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विहिप कार्यकर्ताओं ने 8 बीमार गायों को आसरा भेजा
भोपाल। नगर निगम अरवलिया में गोशाला सह कांजी हाउस का संचालन करता है। बुधवार को विश्व हिंदू परिषद की टीम यहां पहुंची तो दरबाजे पर ताला लगा मिला। जब कोई दरवाजा खोलने नहीं आया तो ताला तोड़कर अंदर पहुंचे। अंदर पहुंचे तो जहां-तहां मृत और बीमार गोवंश पड़ा था। इन लोगों ने तड़पते गोवंश को पानी पिलाया तो कुछ की जान में जान आई। ऐसे में नगर निगम समेत प्रशासन और पशु पालन विभाग के अधिकारियों की सूचना दी गई। इसके बाद गोशाला प्रभारी नारायणदत्त मिश्रा, निगम की गोसंवर्धन परियोजना प्रभारी सुमनधर शर्मा और हुजूर तहसीलदार अनुराग त्रिपाठी मौके पर पहुंचे। सूचना मिलने पर डॉ. रवि शरण ने बीमार गायों का इलाज किया। इस दौरान एक की मौत हो गई। कुछ को बॉटल चढ़ाई गई हैं। डॉक्टर का कहना है कि गर्मी बढ़ने के कारण गायों को हीट स्ट्रोक हो रहा है। इसी कारण उनकी तबीयत खराब हो रही है। इस संबंध में डॉक्टर से भी निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण ने प्रतिवेदन मांगा है।
विहिप का दावा... 4 गोवंश मृत मिले थे , दो की कार्यकर्ताओं के सामने ही जान गई
विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री जितेंद्र मीणा ने दावा किया है कि गोशाला में उन्हें 4 गोवंश पहले से मृत मिले। जबकि, 2 बछड़ों की उनके सामने जान गई। हालांकि, इस दौरान गोशाला पहुंचे हुजूर तहसीलदार अनुराग त्रिपाठी बताया कि 3 गोवंश मृत मिले। जबकि, नगर निगम के गोवर्धन परियोजना प्रभारी सुमनधर शर्मा ने कहा कि 2 गोवंश मृत मिले थे। उन्होंने इसकी वजह अचानक गर्मी बढ़ जाना बताया है। उनका तर्क है कि आसरा से ऐसे गोवंश यहां भेज दिए जाते हैं जो पूरी तरह से ठीक नहीं होते हैं। यही वजह है कि इन गोवंश की जान यहां जाती है।
ऐसे थे हालात : 550 गोवंश होने का बता या पर गिनती नहीं करा सके
- गोशाला में भूसा रखने वाले कमरे का दरवाजा बंद था। इसे खोला गया तो वहां 4 से 6 बोरी भूसा ही शेष था। जबकि यहां भारी तादाद में गोवंश था।
- करीब घंटेभर बाद गोशाला प्रभारी नारायणदत्त मिश्रा यहां पहुंचे। उन्होंने दावा कि 550 गोवंश हैं, कहा कि चलो गिनती कराओ तो नहीं करा पाए।
- गोशाला का रिकॉर्ड देखा तो न तो गोवंश के आने और जाने का रिकॉर्ड भी अपडेट नहीं मिला।
- आठ कर्मचारियों को गोशाला की ड्यूटी में लगाया गया है, बुधवार दोपहर किसी की ड्यूटी थी, वह ड्यूटी पर क्यों नहीं था? इसका जवाब नहीं मिला।
गर्मी अचानक बढ़ने के कारण गोवंश की जान गई। वैसे भी आसरा से बीमार गोवंश को ठीक होने से पहले यहां भेज दिया जाता है, इस कारण इनकी जान जाती है। जिसकी ड्यूटी थी वह मौजूद क्यों नहीं था, यह जांच करके कार्रवाई की जाएगी। -सुमनधर शर्मा, प्रभारी, गोसंवर्धन परियोजना