एमपी कांग्रेस में लागू होगा राहुल गांधी का बिहार पैटर्न

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सामान्य वर्ग के नेताओं का दबदबा होगा कम
भोपाल। 7 अप्रैल को पटना में 'पलायन रोको-रोजगार दो' रैली में राहुल गांधी के बयान ने संगठन को नई दिशा में ले जाने का संकेत दिया है। राहुल के इस भाषण से मध्यप्रदेश में कांग्रेस संगठन में होने वाली नियुक्तियों को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं। राहुल ने कहा-पहले बिहार में हमारे जिला अध्यक्षों की लिस्ट में दो तिहाई अपर कास्ट के लोग थे। अब जिला अध्यक्षों की नई लिस्ट में दो तिहाई ईबीसी, ओबीसी, दलित, माइनॉरिटी के हैं। उनके इस बयान से साफ है कि मप्र में कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में दलित, आदिवासी, ओबीसी, महिलाओं और अल्पसंख्यक वर्गों के नेताओं को मौका दिया जाएगा। एमपी में कांग्रेस के 72 संगठनात्मक जिलों में से 34 जिला अध्यक्ष सामान्य वर्ग से हैं। जबकि 6 पद रिक्त हैं।
6 जिलों में कांग्रेस के अध्यक्ष ही नहीं कांग्रेस के 72 संगठनात्मक जिलों में से 6 जिलों में अध्यक्षों के पद खाली पड़े हैं। इनमें कटनी, रायसेन, रतलाम ग्रामीण, बैतूल शहर, खंडवा शहर, खंडवा ग्रामीण शामिल हैं। बैतूल में पिछले साल ही शहर और ग्रामीण को अलग किया गया था। रायसेन में तो डेढ़ साल से जिला अध्यक्ष का पद रिक्त है।