• भाजपा ने सिद्धारमैया सरकार को घेरा

 बंगलूरू।  कर्नाटक की सरकार ने आम लोगों को बड़ा झटका दिया है। सरकार से राहम की उम्मीद लगाए बैठ मध्यम वर्ग को अब दूध के लिए प्रति लीटर चार रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। कर्नाटक में एक बार फिर दूध की कीमतों में इजाफा किया गया है। इस बार दूध की कीमतों में चार रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। इस भारी बढ़ोतरी की वजह से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार पर बड़ा बोझ पड़ेगा। सहकारिता मंत्री के एन. राजन्ना ने गुरुवार को घोषणा की कि 1 अप्रैल से राज्य में दूध की कीमतों में 4 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की जाएगी। मंत्री ने कहा कि दूध संघों और किसानों के दबाव के कारण कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। 

भाजपा हुई हमलावर
कर्नाटक में दूध की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर भाजपा सिद्धारमैया सरकार पर हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा, 'कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से करीब 2 साल से दूध की कीमतें, पेट्रोल की कीमतें, रजिस्ट्रेशन शुल्क, शराब, वाहन कर, वाहन रजिस्ट्रेशन शुल्क और जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। एक तरफ वे गारंटी का वादा कर रहे हैं और दूसरी तरफ वे सब कुछ वापस ले रहे हैं। वे अपनी गारंटी पर सालाना 50,000 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा करते हैं, लेकिन बदले में लगभग 60-70,000 करोड़ रुपये कमा रहे हैं। उन्होंने आज दूसरी बार दूध की कीमतें बढ़ाई हैं। इसका मतलब है कि उनकी वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है।

'दिवालियापन, भ्रष्टाचार और मूल्य वृद्धि... सरकार की पहचान'
पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, 'कर्नाटक अब दिवालियापन, भ्रष्टाचार और मूल्य वृद्धि के लिए जाना जाता है। लगभग सभी सामुदायिक कीमतें दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं। आज ही उन्होंने दूध की कीमत में 4 रुपये की वृद्धि की है और यह एक साल में तीसरी बार है। हर परिवार, खासकर गरीबों पर बहुत बड़ा वित्तीय बोझ है।

सरकार का तर्क
संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा, 'कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला दूध संघ ने लिया है। उन्होंने शुरू में प्रति लीटर 5 रुपये की बढ़ोतरी का अनुरोध किया था, लेकिन सरकार 4 रुपये पर सहमत हो गई। 4 रुपये की पूरी बढ़ोतरी किसानों को मिलेगी। इससे पहले किसानों को 31.68 रुपये प्रति लीटर मिलते थे और इस बढ़ोतरी के साथ उन्हें 4 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे।' उन्होंने स्वीकार किया कि कीमतों में बढ़ोतरी से जनता को असुविधा हो सकती है। उन्होंने कहा, 'चूंकि यह 4 रुपये की बढ़ोतरी किसानों के लिए है, इसलिए मैं उनका सहयोग चाहता हूं।'

बस, मेट्रो और बिजली की दर भी बढ़ी
बस और मेट्रो किराए के साथ-साथ बिजली दरों में हाल ही में की गई बढ़ोतरी के बाद दूध की कीमतों में संशोधन किया गया है।

उत्पादन लागत बढ़ने के कारण यह वृद्धि
पशुपालन मंत्री के वेंकटेश ने कहा कि उत्पादन लागत बढ़ने के कारण यह वृद्धि आवश्यक थी। उन्होंने कहा, 'वर्तमान में कर्नाटक में नंदिनी टोंड दूध (नीला पैकेट) 42 रुपये प्रति लीटर बिकता है। इस संशोधन के बाद यह 46 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा। इस वृद्धि का उद्देश्य किसानों को सहायता प्रदान करना है।' 

दूध-दही की नई कीमतें 
सरकार के फैसले के बाद कर्नाटक में एक किलोग्राम दही की कीमत 50 रुपये से बढ़कर 54 रुपये हो गई है। होमोजेनाइज्ड टोंड दूध 43 रुपये से बढ़कर 47 रुपये प्रति लीटर, गाय का दूध (हरा पैकेट) 46 रुपये से बढ़कर 50 रुपये और शुभम (केसर पैकेट/विशेष दूध) 48 रुपये से बढ़कर 52 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) अपने डेयरी उत्पादों को 'नंदिनी' ब्रांड के तहत बेचता है। 

कर्नाटक मिल्क फेडरेशन का एलान
केएमएफ के अध्यक्ष भीमा नाइक ने घोषणा की कि दूध के प्रति पैकेट अतिरिक्त 50 मिलीलीटर देने का फैसला भी वापस लिया जाएगा। इसके लिए ग्राहकों से 2 रुपये अतिरिक्त लिए जाते थे। 2024 में केएमएफ ने दूध की कीमत 2 रुपये प्रति पैकेट बढ़ा दी थी, जबकि प्रति पैकेट मात्रा में 50 मिलीलीटर की वृद्धि भी की थी। महासंघ ने कहा था कि यह कीमत वृद्धि नहीं थी, क्योंकि उपभोक्ताओं को अतिरिक्त दूध मिला। इस वक्त नियमित नंदिनी टोंड दूध (नीला पैकेट) के 1,050 मिलीलीटर पैकेट की कीमत 44 रुपये है।