भोपाल। मुख्यमंत्री ने भी खिलाड़ियों की माताओं के योगदान की सराहना की और कहा कि किसी भी खिलाड़ी की सफलता में माता-पिता की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सम्मानित माताओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि किसी भी खिलाड़ी की सफलता में उसके माता-पिता का अहम योगदान होता है। भोपाल के रवींद्र भवन में रविवार को क्रीड़ा भारती द्वारा आयोजित जिजामाता सम्मान समारोह में आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि युवाओं में बढ़ती आपराधिक प्रवृत्तियां और गलत आदतों पर चिंता जताई और कहा कि अच्छे नागरिक और खेल प्रेमी बनने की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर परिवार की है। कार्यक्रम में देश के छह प्रमुख खिलाड़ियों की माताओं को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। होसबोले ने समारोह में अपने संबोधन में कहा कि हम जब पदक विजेता खिलाड़ियों को देखते हैं, तो हमें गर्व होता है, लेकिन उनके पीछे जो लोग दिन-रात संघर्ष करते हैं, उनका योगदान भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जिजामाता का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जिजामाता ने अपने बेटे शिवाजी को कुशल प्रशासक और महान योद्धा बनाने में अहम भूमिका निभाई। वह अपनी इच्छा को त्यागकर जंगल में शेरों पर बैठने और शिकार करने का साहस रखती थीं, जिससे उनका बेटा विशाल हिंदवी स्वराज्य का साम्राज्य स्थापित करने में सक्षम हुआ। 
बच्चों को अच्छे संस्कार दें
दत्तात्रेय होसबोले ने युवाओं में बढ़ती नशे की आदत, मानसिक विकृति और अपराधिक प्रवृत्तियों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आजकल के युवाओं में नशे की आदतें और अपराध की प्रवृत्तियां बढ़ रही हैं। यह सिर्फ सरकार का काम नहीं है कि अच्छे नागरिक बनाए जाएं, बल्कि यह हर घर परिवार की जिम्मेदारी है। हमें अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देना चाहिए और उन्हें प्रेरणा के लिए खेलों और वैज्ञानिकों की तरह आदर्श व्यक्तित्व से सीखने की आवश्यकता है। 
खो-खो का भारत में पहला वर्ल्ड कप हो रहा
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ खेलों को ही आगे बढ़ाना हितकारी नहीं है, बल्कि सभी खेलों को समान रूप से बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने खो-खो को एक पारंपरिक खेल के रूप में सराहा और कहा कि भारत में इसका पहला वर्ल्ड कप हो रहा है, जो खेलों की विविधता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण कदम है।कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी खिलाड़ियों की माताओं के योगदान की सराहना की और कहा कि किसी भी खिलाड़ी की सफलता में माता-पिता की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
जिजामाता ने सिखाया दृढ़ संकल्प और साहस
कार्यक्रम के दौरान  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जिजामाता ने हमें यह सिखाया कि दृढ़ संकल्प और साहस के साथ असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। उन्होंने राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण योजनाओं और नीतियों का जिक्र करते हुए बताया कि महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। जिजामाता सम्मान समारोह महिला सशक्तिकरण और समाज में उनके योगदान को सम्मानित करने के उद्देश्य से ही किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को रवीन्द्र भवन में आयोजित जीजा माता सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। 
खिलाड़ियों की सफलता में माता-पिता का सहयोग
मुख्यमंत्री ने सम्मानित माताओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि किसी भी खिलाड़ी की सफलता में उसके माता-पिता का अहम योगदान होता है। उन्होंने श्रीकृष्ण के जन्म का उदाहरण देते हुए कहा कि माता देवकी ने अपने सात पुत्रों की हत्या के बावजूद निराश नहीं हुईं और आठवें पुत्र के रूप में श्रीकृष्ण को जन्म दिया, जो धर्म और देश के लिए एक प्रेरणा बने। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब बेटा मेडल लेने जाता है, तब मां के मन में डर और चिंता होती है कि उसे चोट न लग जाए। उस वक्त मां खेल को देखने के बजाय अपने बेटे की जीत का पल टीवी पर देखती है, क्योंकि उसकी खुशी और दर्द में आत्मा जुड़ी होती है। मुख्यमंत्री ने क्रीड़ा भारती के प्रयासों की सराहना की, जो खेल के महत्व और उसकी समृद्धि को समाज में प्रस्तुत करने का महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं।
नारी शक्ति ने देश को सम्मान और अभिमान दिलाया है
केन्द्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि नारी शक्ति ने इस देश को सम्मान और अभिमान दिलाया है। खेल हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। यह हमारी संस्कृति भी है और हमारी प्रकृति भी। हम नई राष्ट्रीय खेल नीति पर अमल कर देश के लिए अधिकाधिक ओलम्पिक मेडल लाने वाले खिलाड़ी तैयार करेंगे। इस नीति के जरिए हमने 9 से 15 वर्ष के किशोरवय खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देने की योजना बनाई है। खेलो इंडिया स्कूल गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के बाद खेलो इंडिया यूथ गेम्स के जरिए हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। हम जिलों से खिलाड़ी तैयार कर राज्य स्तर पर लेकर आएंगे और राज्य स्तरीय खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल स्पर्धाओं के लिए तैयार करेंगे।
इनको किया सम्मानित
कार्यक्रम में ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की माताओं को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाली माताओं में जैवलिन थ्रो ओलंपिक गोल्ड विजेता नीरज चोपड़ा की मां सरोज चोपड़ा, हॉकी टीम के पूर्व गोलकीपर पीआर श्रीजेश की मां उषा श्रीजेश, इटारसी निवासी हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर की मां कमला देवी, पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता शूटर अवनि लखेरा की मां श्वेता लखेरा, ओलिंपिक बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन की मां मोनी देवी, ओलंपिक में भारत की पहली महिला जिम्नास्ट दीपिका करमाकर की मां गौरी करमाकर शामिल है। क्रीड़ा भारती द्वारा आयोजित अखिल भारतीय 'क्रीड़ा ज्ञान प्रतियोगिता-2024' के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। इस प्रतियोगिता में 1 लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार पार्थ प्रजापत को दिया गया, जबकि 50-50 हजार रुपये के द्वितीय पुरस्कार देव करेलिया और अभिषेक कुमार को प्रदान किए गए।