आज से डे-नाइट टेस्ट की शुरुआत, रोहित की होगी वापसी, क्या शुभमन खेलते दिखेंगे?

नई दिल्ली। आज से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले की शुरुआत हो रही है। यह एक डे नाइट टेस्ट है। पिंक बॉल से खेला जाने वाला यह टेस्ट एडिलेड ओवल में खेला जा रहा है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की रेस अब दिलचस्प हो चली है।
गुलाबी गेंद से डे नाइट टेस्ट
ऑस्ट्रेलियाई टीम पर फतेह पाने के लिए कप्तान रोहित शर्मा ने गुलाबी गेंद से होने जा रहे एडिलेड टेस्ट में अपने नियमित ओपनिंग क्रम का बलिदान कर दिया है। खुद रोहित ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि शुक्रवार से शुरू हो रहे दिन-रात्रि के टेस्ट में वह नहीं बल्कि पर्थ टेस्ट की विजयी जोड़ी यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ओपनिंग करेगी। वह मध्यक्रम में उतरेंगे। हालांकि, रोहित ने यह नहीं बताया कि वह किस क्रम पर उतरेंगे, लेकिन माना जा रहा है कि वह नंबर पांच पर बल्लेबाजी करने आ सकते हैं, जबकि ऋषभ पंत नंबर छह पर उतर सकते हैं। रोहित 2019 से टेस्ट में ओपनिंग कर रहे हैं, इस बदलाव ने उनके टेस्ट जीवन को नया मोड़ दिया था। भारतीय टीम अब एडिलेड ओवल में गुलाबी गेंद से ऑस्ट्रेलियाई टीम के वर्चस्व को तोड़ने उतरेगी। ठीक उसी तरह जैसे उसने पर्थ के ऑप्टस ओवल में कभी नहीं हारने वाले ऑस्ट्रेलिया को 295 रन से हराया था। ऑस्ट्रेलियाई टीम एडिलेड में भी कभी गुलाबी गेंद से टेस्ट नहीं हारी है। वैसे, एडिलेड में गुलाबी गेंद से बल्लेबाजी चुनौती होगी।
टीम के लिए लिया फैसला
पितृत्व अवकाश के चलते पर्थ टेस्ट में नहीं खेलने वाले रोहित ने मध्यक्रम में उतरने का कठिन फैसला लिया। रोहित ने कहा, हम परिणाम और सफलता चाहते हैं। इन दोनों बल्लेबाजों ने पर्थ में शानदार प्रदर्शन किया था। मैंने घर में बैठकर उनकी बल्लेबाजी देखी। राहुल ओपनिंग में कमाल का खेले और वह इस समय ओपनिंग करने के हकदार हैं। हमें ओपनिंग में परिवर्तन करने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि, भविष्य में चीजें बदल सकती हैं। रोहित ने यह भी कहा कि निजी तौर पर उनके लिए ओपनिंग छोड़कर मध्य क्रम में उतरना आसान नहीं है, लेकिन टीम के लिए यह काफी मायने रखता है।
अश्विन-जडेजा का खेलना मुश्किल
दूसरे टेस्ट में रोहित के अलावा शुभमन गिल की भी वापसी होने जा रही है। वह देवदत्त पडिक्कल के स्थान पर खेलेंगे। वह दूसरे टेस्ट में नंबर तीन पर बल्लेबाजी कर सकते हैं। रोहित टीम में ध्रुव जुरेल का स्थान लेंगे। इन दो के अलावा अन्य किसी परिवर्तन की गुंजाइश नहीं दिख रही है। एडिलेड की पिच स्पिनरों को भी मदद देती है, लेकिन रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा को पर्थ की तरह इस टेस्ट से भी दूर रखा जा सकता है। रोहित ने दोनों पर्थ टेस्ट में शामिल नहीं करने के फैसले सही ठहराया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि दोनों की इस सीरीज में भूमिका अभी बाकी है। रोहित ने कहा, अश्विन और जडेजा जैसे वरिष्ठ खिलाडि़यों को टीम से बाहर रखना हमेशा कठिन फैसला होता है, लेकिन परिस्थितियों के मद्देनजर टीम के हित में यह फैसला लिया गया। इन दोनों स्पिनरों ने टेस्ट में आपस में मिलकर 855 विकेट लिए हैं। एडिलेड में इन दोनों की जगह वाशिंगटन सुंदर के ही उतरने की उम्मीद है।
शाम के समय चुनौती होगी बल्लेबाजी
पर्थ टेस्ट में भारत ने जीत जरूर हासिल की है, लेकिन एडिलेड में गुलाबी गेंद से मुकाबला आसान नहीं होगा। खासतौर पर सूर्य छुपने के बाद शाम को दोहरी रोशनी में इस गेंद से बल्लेबाजी करना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहता है। फिर भारतीय टीम के कहीं न कहीं यह भी दिमाग में होगा कि 2020 में इसी मैदान पर खेले गए दिन-रात्रि के टेस्ट में भारतीय टीम दूसरी पारी में अपने सबसे न्यूनतम स्कोर 36 रन पर सिमट गई थी। रोहित ने कहा, गुलाबी कुकाबुरा गेंद से निपटने के लिए हमें अपने ही तरीके निकालने होंगे। रोहित ने कहा, अन्य किसी चीज की बजाय इस गेंद की तेजी से अभ्यस्त होने की जरूरत है। रोहित ने स्वीकार किया कि इस गेंद का सामना करना चुनौती रहेगी। रोहित ने कहा, इस मैदान पर गुलाबी गेंद से हुए मैचों को देखकर यहां की स्थितियों को समझने की कोशिश की है।
ऑस्ट्रेलिया की मुसीबतें कम नहीं
ऑस्ट्रेलिया के लिए भी इस टेस्ट में चीजें आसान नहीं हैं। स्टीव स्मिथ, मार्नस लाबुशाने जैसे बल्लेबाज फॉर्म में नहीं हैं। अनुभवी उस्मान ख्वाजा भी पर्थ में जिम्मेदारी नहीं उठा पाए। पैट कमिंस के लिए सबसे बड़ा झटका पर्थ में अच्छी गेंदबाजी करने वाले जोश हेजलवुड का इस टेस्ट से बाहर होना है। उनकी जगह पर स्कॉट बोलैंड खेलेंगे। पर्थ में अपना पहला टेस्ट मैच खेलने वाले नॉथन मैक्सवीनी के लिए भी पदार्पण किसी बुरे सपने की तरह रहा। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई टीम भी इस टेस्ट में दबाव में रहकर उतरेगी।