निमंत्रण पत्र में क्यों नहीं था एकनाथ शिंदे का नाम, शपथ के तीन घंटे पहले हुए थे राजी

मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के दावा पेश करने से पहले एक निमंत्रण कार्ड छापा गया था। इस निमंत्रण कार्ड में सिर्फ फडणवीस का नाम था। इस कार्ड में एकनाथ शिंदे का नाम नहीं था। लेकिन अब पता चल गया है कि इस कार्ड में शिंदे का नाम क्यों नहीं छापा गया था। दरअसल देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को दोपहर 2:30 बजे राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को पत्र लिखकर बताया कि वे शाम 5:30 बजे दो उप-मुख्यमंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण से महज तीन घंटे पहले यह पत्र राजभवन पहुंचा। इसकी वजह थी एकनाथ शिंदे की उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने को लेकर अनिश्चितता। दोपहर तक यह साफ नहीं था कि शिंदे शपथ लेंगे या नहीं। गुरुवार सुबह तक शिंदे की तरफ से कोई पत्र न मिलने से बीजेपी खेमे में तनाव था। शिंदे अपनी पसंद के विभागों पर अड़े हुए थे। सुबह शिवसेना के उदय सामंत, भरत गोगावले, रवि फाटक और संजय शिरसाट ने शिंदे को उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए मना लिया। उन्होंने कहा कि विभागों के बंटवारे का मामला बाद में सुलझाया जा सकता है। लंबी चली बैठक के बाद शिंदे उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने को राजी हुए। शिंदे के हस्ताक्षर वाला एक पत्र फडणवीस को दिया गया। इसके बाद ही फडणवीस ने राज्यपाल को अपना पत्र भेजा। सूत्रों के मुताबिक, फडणवीस अपना और अजित पवार का नाम राज्यपाल को भेज सकते थे, लेकिन उन्होंने शिंदे की पुष्टि का इंतजार किया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री पद के लिए नामित फडणवीस से लिखित सूचना मिलने के बाद ही शपथ ग्रहण समारोह की पुष्टि हुई। फडणवीस ने लिखा था कि वे शिंदे और अजित के साथ शपथ लेंगे।
शिंदे को विभागों के बंटवारे पर थी आपत्ति!
अधिकारी ने बताया कि बुधवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद शिंदे, अजित और फडणवीस का एक प्रतिनिधिमंडल सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल से मिला था। प्रतिनिधिमंडल ने महायुति का समर्थन करने वाले 237 विधायकों की सूची सौंपी। इसके अलावा, बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी विधायक दल ने अलग-अलग पत्र देकर महायुति सरकार को समर्थन देने की शपथ ली। शिंदे और अजित पहले ही शिवसेना और NCP विधायक दल के नेता चुने जा चुके थे। लेकिन शिंदे द्वारा विभागों पर अपनी आपत्ति जताने के कारण, राजभवन को कोई पत्र नहीं दिया गया था, जिसमें बताया गया हो कि फडणवीस महायुति विधायक दल के नेता होंगे।
शिंदे ने डिप्टी सीएम पद को लेकर कही थी ये बात
फडणवीस और अजित की मौजूदगी में मीडिया से बातचीत के दौरान, शिंदे ने इस बात पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया कि क्या वे महायुति सरकार में उप-मुख्यमंत्री के रूप में शामिल होंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, तो शिंदे ने कहा कि कोई जल्दी नहीं है, मीडिया को शाम तक पता चल जाएगा। सूत्रों ने कहा कि शिंदे को उम्मीद थी कि उन्हें अपनी पसंद के विभाग मिलेंगे और इस संबंध में कोई आश्वासन न मिलने पर वे उप-मुख्यमंत्री के रूप में सरकार में शामिल होने को लेकर अनिच्छुक थे।