• भोपाल में 11 रूट पर चल रहीं 118 बसें, 1 लाख यात्री परेशान

  • विधानसभा में उठा मुद्दा

भोपाल । भोपाल की सड़कों से 9 महीने के अंदर ढाई सौ सिटी बसें गायब होने का मुद्दा विधानसभा में उठा है। 25 रूट पर चलने वाली 368 बसों में से अभी सिर्फ 11 रूट पर 118 बसें ही दौड़ रही हैं। ऐसे में महिला, स्टूडेंट्स और नौकरीपेशा लोगों के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। हर रोज करीब 1 लाख लोग परेशान हो रहे हैं। दरअसल टिकट कलेक्शन पर विवाद, पेनल्टी और हाईकोर्ट में याचिका दायर होने से ऑपरेटर्स ने इन बसों का संचालन बंद कर दिया। इस पर हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने विधानसभा में तारांकित प्रश्न लगाया था। इसके बाद सोमवार को जवाब मिला। 

अधिकारियों और ऑपरेटरों की साठगांठ की बात पर पर नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा जांच कराए जाने की बात कही है।

बीसीएलएल के जरिए 4 एजेंसी कर रही थी संचालन भोपाल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में सिटी बसों का संचालन BCLL (भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड) के जरिए 4 एजेंसी कर रही थी। इनमें मां एसोसिएट्स, एपी मोटर्स, श्री दुर्गांबा और आई-मोबिलिटी एजेंसी शामिल हैं। ये एजेंसियां 25 रूट पर बसें चला रही थी। इनमें से सबसे पहले पिछले साल 4 जुलाई को मां एसोसिएट्स ने 149 बसों का संचालन बंद किया था।

इसकी वजह इन बसों में टिकिट कलेक्शन करने वाली एजेंसी 'चलो एप' की ओर से प्रति​ किमी दी जाने वाली राशि घटाने की मांग है, लेकिन बीते नौ महीने से बीसीएलएल और निगम के जिम्मेदार इस समस्या का समाधान नहीं​ निकाल पाए।

ऐसे में इन बसों में रोजाना सफर करने वाले यात्री परेशान हैं। मामला तब और उलझ गया, जब बीसीएलएल की ओर से नई टिकिट कलेक्शन एजेंसी हायर करने के लिए टेंडर जारी कर दिया। इस मुद्दे पर मां एसोसिएट्स की तरफ से भी हाईकोर्ट में याचिका लगा दी गई। नतीजतन बसों का संचालन पूरी तरह से बंद हो गया।