- लोकसेवा प्रबंधक का कटेगा 15 दिन का वेतन
- भोपाल जिले में 18000 से ज्यादा शिकायतें लंबित
- अक्टूबर माह में मिलीं कुल 14 हजार 663 शिकायतें
- शिकायतों के निराकरण में भोपाल 30वें स्थान पर
भोपाल। सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतों के निवारण को लेकर जिले की स्थिति गंभीर बनी हुई है। आमजन द्वारा की जाने वाली शिकायतों का त्वरित निराकरण नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि अब भी 18 हजार से अधिक शिकायतें लंबित हैं। इसकी वजह से कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने समयसीमा में पत्रों की समीक्षा बैठक में नाराजगी जताई है। उन्होंने सभी एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों को समझाइश देते हुए शिकायतों के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए। साथ ही लापरवाह रवैये को लेकर लोकसेवा प्रबंधक का 15 दिन का वेतन काटने के निर्देश भी दिए हैं। बैठक में जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह, एडीएम सिद्धार्थ जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
लंबित शिकायतों का अंबार
सीएम हेल्पलाइन पर भोपाल जिले की अब तक 18 हजार शिकायतें लंबित हैं। जिनमें से नौ हजार 617 शिकायतें 50 दिन से अधिक समय से लंबित हैं। वहीं, अक्टूबर महीने में कुल 14 हजार 663 शिकायतें विभिन्न विभागों की प्राप्त हुई थीं। इनमें से कुल आठ हजार 853 शिकायतों का संतुष्टि के साथ निराकरण किया गया है। जबकि पांच हजार 810 शिकायतें अब भी लंबित हैं। इस वजह से भोपाल जिला प्रदेश में 30वें स्थान पर बना हुआ है।
लोकसेवा प्रबंधक नहीं दे पाए थे जानकारी
लोकसेवा प्रबंधक प्रसून सोनी द्वारा सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का समय पर निरीक्षण नहीं किया जा रहा था। उनको दिए गए कार्यों का वह पालन नहीं कर रहे थे। उच्च अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन में लापरवाही बरती गई और समय पर रिपोर्ट तक तैयार नहीं की गई। इस वजह से कलेक्टर द्वारा उनका 15 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं।
शिकायतों का करें त्वरित निराकरण
कलेक्टर ने समय-सीमा पत्रों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में अधिकारियों से पत्रों की जानकारी ली और लंबित संख्या अधिक होने पर नाराजगी जताते हुए समझाइश दी। उन्होंने कहा कि पत्रों का त्वरित व गुणवत्तापूर्ण निराकरण किया जाए। किसी भी प्रकरण को अनावश्यक रूप से लंबित न रखें और प्राथमिकता के आधार पर सभी शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करें।