25 जनवरी तक डेडलाइन थी
साउथ लेबनान में इजराइल की गोलीबारी से 22 की मौत

तेल अवीव। लेबनान से इजराइली सैनिकों की वापसी की समय सीमा 18 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। रविवार को अमेरिकी व्हाइट हाउस ने इसकी जानकारी दी। हिजबुल्लाह के साथ सीजफायर के लिए इजराइल-लेबनान में 27 नवंबर को सीजफायर साइन हुआ था। इसके तहत 60 दिनों में साउथ लेबनान से इजराइली सेना के वापस लौटने की डेडलाइन रखी गई थी, जो 25 जनवरी को पूरी हो गई। इजराइल ने सेना की वापसी की समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी। दरअसल इजराइल, साउथ लेबनान के सभी इलाकों में लेबनानी सेना तैनाती चाहता है, जिससे यहां हिजबुल्लाह के लड़ाकों की मौजूदगी न बन पाए।
इजराइली गोलीबारी में लेबनान के 22 नागरिकों की मौत
साउथ लेबनान में रविवार, 26 जनवरी को इजराइली सैनिकों की वापसी को लेकर प्रदर्शन हुए। ये प्रदर्शनकारी सीजफायर समझौते के तहत इजराइली सेना से वापस जाने की मांग कर रहे थे। इस दौरान इजराइली सेना ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की।
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस गोलीबारी में 22 लोगों की मौत हो गई और 124 लोग घायल भी हुए हैं। मृतकों में 6 महिलाएं और एक क लेबनानी सेना का सैनिक शामिल है। बॉर्डर इलाके के 20 गांवों के लोग इस गोलीबारी में घायल हुए हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक कई प्रदर्शनकारी हिजबुल्लाह के झंडे के साथ गांवों में घुसने की कोशिश कर रहे थे।
फ्रांस और अमेरिका ने कराया था सीजफायर
इजराइल और हिजबुल्लाह में अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से सीजफायर हुआ था। जिसके बाद इजराइल की वॉर कैबिनेट ने लेबनान में 60 दिन के लिए सीजफायर डील को मंजूरी दी थी।
सीजफायर शुरू होने के कुछ ही घंटे बाद उत्तरी लेबनान से लोग दक्षिणी लेबनान में लौटने लगे थे। 23 सितंबर को इजराइल के घातक मिसाइल हमले के बाद हजारों परिवार घर छोड़कर अन्य जगहों पर शरण लेने चले गए थे।
टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, बेरूत में सैकड़ों लोग बाइक और गाड़ियों से सिडोन, गाजियेह और टायर शहर की तरफ लौटते दिखे। लोग हिजबुल्लाह के झंडे और मारे गए नेता नसरल्लाह की तस्वीरें साथ लेकर शहर लौट रहे थे।