पद्मश्री सम्मान से सम्मानित हुए मध्यप्रदेश के दो गौरव

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भेरूसिंह चौहान और शालिनी देवी होलकर
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दोनों विभूतियों को बधाई देते हुए कहा कि भेरूसिंह चौहान और शालिनी देवी होलकर की सफलता इस बात का प्रमाण है कि निरंतर परिश्रम, समर्पण और जनसेवा की भावना से कोई भी कार्य राष्ट्र निर्माण में योगदान बन सकता है। आपने अपनी प्रतिभा से न केवल स्वयं को बल्कि पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है। दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में सोमवार को आयोजित हुए भव्य पद्म सम्मान समारोह में मध्यप्रदेश की दो प्रतिष्ठित विभूतियों को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कला एवं उद्योग क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले इन प्रतिभाओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों की ओर से उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह सम्मान पूरे मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है।
लोकगायक भेरूसिंह चौहान को कला क्षेत्र में सम्मान
मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध लोकगायक भेरूसिंह चौहान को प्रदेश की लोक-सांस्कृतिक परंपराओं को संजोने और जन-जन तक पहुंचाने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। भेरूसिंह चौहान ने मालवी, निमाड़ी और राजस्थानी लोकगीतों को नई पहचान दिलाई है। उन्होंने ग्रामीण अंचलों में पारंपरिक संगीत के संरक्षण और युवा पीढ़ी को इससे जोड़ने का कार्य किया है। उनके गीतों में ग्रामीण जीवन, परंपराएं और सामाजिक चेतना की झलक मिलती है, जो न केवल मनोरंजन का माध्यम हैं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना का संचार भी करते हैं।विज्ञापन
शालिनी देवी होलकर को हथकरघा उद्योग में योगदान के लिए पद्मश्री
हथकरघा और कारीगर आधारित उद्योग को प्रोत्साहन देने में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाली शालिनी देवी होलकर को व्यापार एवं उद्योग श्रेणी में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। उन्होंने महेश्वर की पारंपरिक साड़ियों और बुनकरी कला को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाई है। साथ ही, उन्होंने कारीगरों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रशिक्षण, विपणन और नवाचार पर बल दिया। उनकी संस्था वर्षों से महिला बुनकरों को रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है और हस्तकला को टिकाऊ उद्यम के रूप में विकसित करने का कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री बोले- यह सम्मान समर्पण और साधना का प्रतीक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दोनों विभूतियों को बधाई देते हुए कहा कि भेरूसिंह चौहान और शालिनी देवी होलकर की सफलता इस बात का प्रमाण है कि निरंतर परिश्रम, समर्पण और जनसेवा की भावना से कोई भी कार्य राष्ट्र निर्माण में योगदान बन सकता है। आपने अपनी प्रतिभा से न केवल स्वयं को बल्कि पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है। आपका यह योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेगा।