• सपा में बदले जाएंगे कई जिलाध्यक्ष
  • मिल्कीपुर में किसी प्रत्याशी को गुपचुप समर्थन कर सकती बीएसपी

लखनऊ। यूपी की राजनीति में मकर संक्राति के बाद दो बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। सपा प्रदेश के कई जिलों के जिलाध्यक्ष बदलने जा रही है तो वहीं बसपा मिल्कीपुर चुनाव को लेकर अपनी रणनीति तय करेगी। मालूम हो कि बसपा इन  चुनावों में अपना प्रत्याशी नहीं दे रही है। समाजवादी पार्टी शीघ्र ही अपने कई जिलाध्यक्ष बदल सकती है। इस पर हाईकमान विचार कर रहा है। मकर संक्रांति के बाद कभी भी सूची आ सकती है। सपा सूत्रों के मुताबिक, 15-20 जिलाध्यक्ष बदले जा सकते हैं। जिन जिलों के अध्यक्ष बदले जाएंगे, वहां कमेटियां भी नए सिरे से बनाई जाएंगी। कुछ जिले ऐसे हैं, जहां अध्यक्ष या तो किसी विवाद में फंस गए हैं या फिर निष्क्रिय हैं। इन सभी जिलाध्यक्षों की सूची तैयार कर ली गई है। सूत्रों का कहना है कि नई कमेटियों और जिलाध्यक्षों का चयन कार्यकर्ताओं की सक्रियता के आधार पर तय होगा। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी स्थानीय स्तर पर अपने संगठन को दुरुस्त करना चाहती है, ताकि बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत किया जा सके।
मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर बसपा तय करेंगी रणनीति
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती 15 जनवरी को अपने जन्मदिन के बाद मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर रणनीति तय करेंगी। बता दें, बसपा मिल्कीपुर उपचुनाव नहीं लड़ रही है। ऐसे में पार्टी समर्थक किस दल को वोट करें, इस बारे में बसपा सुप्रीमो संकेत दे सकती हैं। इस बाबत उन्होंने 16 जनवरी को पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है जिसमें सदस्यता अभियान, संगठन के विस्तार, कैडर कैंप और पार्टी के साथ मुस्लिमों, ब्राह्मणों एवं अन्य वर्गों को जोड़ने के अभियान की समीक्षा होगी।
पार्टी बसपा सुप्रीमो का जन्मदिन जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाएग। देशभर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसकी तैयारी कर ली है। जिलों में विचार गोष्ठियां होंगी। बसपा सुप्रीमो अपने जन्मदिन पर कार्यकर्ताओं और समर्थकों के नाम पर संदेश भी जारी करेंगी जिसमें दिल्ली चुनाव को लेकर भी अहम घोषणाएं की जा सकती हैं। दिल्ली में बसपा अकेले दम पर विधानसभा चुनाव लड़ रही है। बसपा सुप्रीमो ने दिल्ली चुनाव की कमान अपने भतीजे एवं पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को सौंप रखी है।