कपड़े भी कलेक्ट किए 
आरोपी शरीफुल के कपड़ों पर मिले ब्लड सैंपल का मिलान होगा

मुंबई। 15 जनवरी की रात 2 बजे सैफ अली खान पर हुए हमले के मामले में मुंबई पुलिस ने शनिवार को एक्टर का ब्लड सैंपल लिया है। साथ ही पुलिस ने वो कपड़े भी जब्त कर लिए हैं, जो सैफ ने हमले के समय पहने थे। इससे पहले जांच अधिकारियों ने आरोपी शरीफुल के भी कपड़े बरामद कर लिए हैं। अब फोरेंसिक टीम आरोपी के कपड़े और सैफ के कपड़ों में मिले ब्लड सैंपल को मैच करेगी।
मामले में सैफ अली खान का बयान दर्ज
सैफ अली खान ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि 16 जनवरी की रात वे और उनकी पत्नी करीना कपूर 11वीं मंजिल पर अपने बेडरूम में थे, जब उन्होंने अपनी नर्स एलियामा फिलिप की चीखें सुनीं। वे जहांगीर के कमरे की ओर भागे जहां एलियामा फिलिप भी सोती थीं। वहां उन्होंने एक अजनबी को देखा। जहांगीर भी रो रहा था। सैफ ने बताया कि उन्होंने अनजान शख्स को पकड़ लिया। इसके बाद उसने हमला कर दिया, जिससे सैफ घायल हो गए। इसके बाद हमलावार धक्का देकर भाग गया।
मेडिकल रिपोर्ट में 5 जगह मिले चाकू के घाव
एक्टर सैफ अली खान को पांच जगहों पर चाकू घोंपा गया था। उनको पीठ, कलाई, गर्दन, कंधे और कोहनी पर चोटें लगी थीं। उन्हें उनके दोस्त अफसर जैदी ने ऑटो रिक्शा में मुंबई के लीलावती अस्पताल पहुंचाया था। सैफ की मेडिकल रिपोर्ट से यह पता चला है।
रिपोर्ट में कहा गया है, चोटों का आकार 0.5 सेंटीमीटर से लेकर 15 सेमी तक है। हमले की रात सैफ के दोस्त अफसर जैदी उन्हें सुबह 4:11 बजे लीलावती अस्पताल ले गए और औपचारिकताएं पूरी कीं। मुंबई पुलिस ने इस मामले में आरोपी शरीफुल इस्लाम को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। अदालत ने उसे 29 जनवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मामले में पर्याप्त प्रगति हुई है। अपराध गंभीर है और सेशन कोर्ट में है। आरोपी की बेगुनाही का पता लगाने के लिए भी ऐसी जांच जरूरी है। पुलिस को पहले ही 5 दिन की रिमांड मिल चुकी है। गवाहों के बयान भी पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं। पुलिस जूते बरामद करने की बात भी कह रही है, जबकि आरोपी के घर से पहले ही सब कुछ ले लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के पास है।
वकील ने कहा- पुलिस को फोरेंसिक जांच के लिए कस्टडी क्यों चाहिए? पूरी बिल्डिंग में सीसीटीवी नहीं है, सिर्फ छठी मंजिल पर है। और जो वीडियो सामने आई है, उसमें दिख रहा चेहरा इस आरोपी से नहीं मिलता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आरोपी के रिश्तेदारों को जानकारी देना जरूरी है, लेकिन पुलिस ने ये नहीं किया।