हायर सेकेंडरी, हाईस्कूलों में निर्माण कार्य कराने की तैयारी

- प्राचार्यों से मांगी रिपोर्ट,
- कक्ष नहीं तो कैसे होता है प्रयोगशाला और लाइब्रेरी का काम
भोपाल। प्रदेश सरकार अब जिलों में भवन विहीन स्कूलों में भवन सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन विद्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर फोकस करने जा रही है जहां एक दो कमरों के अभाव में स्टूडेंट्स को पढ़ाई, लाइब्रेरी और लैब की सुविधा ठीक से नहीं मिल पा रही है या फिर ऐसे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को इस सुविधा का लाभ मिल ही नहीं पा रहा है। इसके लिए सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से जानकारी मंगाई गई है। सरकार सीएम राइज (सांदीपनि) स्कूलों को पहले ही मॉडर्न सुविधाओं से लैस करने का काम कर रही है। प्रदेश में स्कूलों का हायर सेकेंडरी और हाईस्कूल के रूप में उन्नयन कर दिया गया है लेकिन उसके मुताबिक इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप नहीं किए गए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग का मानना है कि इसकी अनिवार्यता न होने से ऐसे हालात बने हैं। इसलिए अब वर्तमान में ऐसे सभी स्कूलों में जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कराए जाने की तैयारी है। इसी के मद्देनजर जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा गया है कि वे संकुल प्राचार्यों के माध्यम से पूरी जानकारी तय फार्मेट में भेजें। इसमें संकुल प्राचार्य यह बताएंगे कि संबंधित विद्यालय में कितने अतिरिक्त कक्ष या प्रयोगशाला कक्ष की जरूरत है। संकुल प्राचार्यों की रिपोर्ट पर लोक शिक्षण संचालनालय इस पर फैसला करेगा।
स्कूल शिक्षा विभाग ने संकुल प्राचार्यों से पूछा है कि जिन विद्यालयों में स्टूडेंट्स की संख्या के हिसाब से कमरों की संख्या कम है, वहां वर्तमान में क्लास और प्रयोगशाला का संचालन कैसे किया जाता है? साथ ही विद्यालय के पास कितनी रिक्त जमीन है, इसकी भी जानकारी देने के लिए कहा गया है। प्रदेश में कुल 4425 हायर सेकेंडरी और 4850 हाईस्कूल हैं।