नक्सलियों ने लूटा 5000 किलो बारूद, छत्तीसगढ़ में अलर्ट

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25-25 किलो के पैकेट थे
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इससे 200 SUV या 100 बख्तरबंद गाड़ियां उड़ाई जा सकती हैं
रायपुर छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर नक्सलियों ने 5000 किलोग्राम बारूद लोड वैन को लूट लिया है। इसमें 25-25 किलो के 200 पैकेट विस्फोटक थे। पत्थर खदान में लूटने के लिए 20-30 की संख्या में नक्सली पहुंचे थे। मंगलवार शाम की इस घटना के बाद से छत्तीसगढ़ में अलर्ट जारी है। फोर्स के मुताबिक लगातार ऑपरेशन के बाद नक्सली बौखलाए हुए हैं और वो किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। एक्सपर्ट की माने तो विस्फोटक इतना है कि 200 SUV या 100 बख्तरबंद गाड़ियां उड़ाई जा सकती हैं। बारूद को झारखंड सीमा से लगे सुंदरगढ़ जिले के बैंग पत्थर खदान ले जाया जा रहा था, तभी नक्सलियों ने अटैक कर दिया। ड्राइवर को किडनैप कर वैन सहित बारूद को जंगल की ओर ले गए।
छत्तीसगढ़ में हुई IED ब्लास्ट की 3 बड़ी घटनाएं
- अप्रैल 2023 को नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में अरनपुर-समेली के बीच सड़क पर करीब 50 किलो की IED प्लांट की थी। ऑपरेशन से लौट रहे DRG जवानों ने भरी एक तूफान वाहन को ब्लास्ट कर उड़ाया था। वाहन और जवानों के इतने टुकड़े हुए थे कि ढूंढना भी मुश्किल था। इस घटना में 9 DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) जवान शहीद हो गए थे और एक वाहन चालक की मौत हुई थी।
- जनवरी 2025 में कुटरू बेदरे मार्ग पर नक्सलियों ने 50 से 60 किलो की IED प्लांट की थी। कमांड IED को ब्लास्ट कर DRG जवानों से भरी स्कॉर्पियो वाहन को उड़ाया था। धमाका इतना जोरदार था कि करीब 500 मीटर दूर वाहन कर जवानों के शरीर के टुकड़े दूर जा गिरे थे। इस घटना में 8 DRG जवान शहीद हो गए थे, जबकि एक वाहन चालक की मौत हुई थी।
- 2013 में नक्सलियों ने सुकमा-दंतेवाड़ा मार्ग पर चिंगावरम में यात्री और जवानों से भरी यात्री बस को उड़ाया था। बस के परखच्चे उड़ गए थे। जितने यात्री और जवान थे सभी की मौत हो गई थी।
अब बारूद लूट की पूरी घटना जानिए
बारूद गोदाम के कर्मचारी अरुण कुमार ने बताया कि जैसे ही वैन ट्रक लंगालकाटा इलाके पहुंची, यहां गाड़ी से विस्फोटक को उतार लिया गया। इस दौरान रात करीब 8.30 बजे खदान में हथियारबंद 20/30 नक्सली आ गए। ड्राइवर और मजदूरों को बंदूक दिखाकर धमकाया। नक्सलियों ने वैन से अनलोड किए गए बारूद के पैकेट्स को दोबारा वैन में रखने को कहा। इसके बाद माओवादी ड्राइवर देवनाथ टोप्पो को अगवा कर वैन को अपने कब्जे में लेकर जंगल की ओर ले गए। जंगल के भीतर पहले से 20/30 से अधिक नक्सली इंतजार कर रहे थे। उन्होंने बारूद को वैन से जंगल में उतार लिया। इसके बाद ड्राइवर और वैन को वहीं छोड़कर बारूद लेकर जंगल में चले गए। टोप्पो के मुताबिक वो लोग कह रहे थे कि "हम जंगली लोग हैं/नक्सली लोग हैं।
24 घंटे बाद भी नहीं मिला सुराग
वारदात के बाद ड्राइवर गोदाम पहुंचा। ड्राइवर ने मैनेजर को बताया कि विस्फोटक लूटने आए नक्सली हरे रंग के कपड़े पहने हुए थे। सामान्य भाषा में बातचीत कर रहे थे। वह हथियार रखे थे, जिससे वह घबरा गया। हालांकि उसे कुछ नहीं किया। जंगल में छोड़ दिया।
ड्राइवर के बताते ही मैनेजर सकते में आ गया। मैनेजर ने फौरन बलगांव पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि वारदात को हुए 24 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
सीमावर्ती इलाकों में हाई अलर्ट, तलाश जारी
पुलिस और CRPF की टीमें तुरंत हरकत में आईं और इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया लेकिन जंगल और पहाड़ी इलाका होने के कारण ऑपरेशन में मुश्किलें पैदा हो रही हैं। राउरकेला के एसपी ने बताया कि "अब तक नक्सलियों द्वारा लूट के एंगल की पुष्टि नहीं हो पाई है लेकिन इसे नकारा भी नहीं जा सकता है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट जानकारी दी जाएगी।" घटना के बाद ओडिशा पुलिस सतर्क हो गई है। दोनों राज्यों के सीमावर्ती इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। डीजी, डीआईजी और आईजी सहित कई आला अधिकारी मामले को लेकर बैठक कर रहे हैं और मामले से निपटने की तैयारी कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि लूटे गए विस्फोटकों का इस्तेमाल सुरक्षाबलों या आम जनता को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है, इसलिए पूरे क्षेत्र में निगरानी और सर्च ऑपरेशन तेज कर दिए गए हैं।