• एकता का अमृत इसका पवित्र प्रसाद

  • पूरे विश्व ने भारत के विराट स्वरूप के दर्शन किए

नई दिल्ली।  बजट सत्र के पांचवे दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा- पिछले वर्ष अयोध्या मे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में देखा था कि कैसे देश अगले 1000 साल के लिए तैयार हो रहा है। एक साल बाद महाकुंभ के आयोजन ने ये दिखा दिया है। देश की सामूहिक चेतना, देश का सामर्थ्य बताती है। मानव जीवन और देश के लिए कई ऐसे अवसर आते हैं जो आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बन जाते हैं। हमारे लिए भी ऐसे पल आए हैं, जब देश को झकझोर कर एक कर दिया गया।

प्रधानमंत्री बोले- ये राष्ट्रीय चेतना, राष्ट्र के नए संकल्पो की तरफ ले जाती है, ये उनकी सिद्धि के लिए प्रेरित करती है। महाकुंभ ने शंकाओं-आशंकाओं को भी जवाब दिया है, जो हमारे सामर्थ्य को लेकर कुछ लोगों के मन में रहती है। भक्ति आंदोलन में हमने देखा कि देश में आध्यात्मिक चेतना उभरी। विवेकानंद जी ने शिकागों में एक सदी पहले भाषण दिया था, उसने भी ऐसा ही किया। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, भगत सिंह की शहादत, नेताजी की दिल्ली चलो जयघोष, गांधीजी का दांडी मार्च। ऐसे ही प्रयासों से प्रेरणा पाकर भारत ने आजादी हासिल की। प्रयागराज का महाकुंभ भी ऐसा ही प्रयास है। इसमें जागते हुए देश का प्रतिबिंब है। हमने डेढ़ महीने महाकुंभ का उत्सव देखा और उमंग को महसूस किया।