लखनऊ। मायावती एक बार फिर आक्रामक मूड में दिख रही हैं। उधर अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद पार्टी के नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद ने चुप्पी साध ली है।  बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि कांशीराम की शिष्या व उत्तराधिकारी होने के नाते उनके पदचिह्नों पर चलते हुए मैं अपनी आखिरी सांस तक हर कुर्बानी देेकर पार्टी मूवमेंट को आगे बढ़ाने का संघर्ष जारी रखूंगी, ताकि बहुजन समाज के लोग राजनीतिक गुलामी व सामाजिक लाचारी के जीवन से मुक्त होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें। इसे आगे बढ़ाने के लिए स्वार्थ, रिश्ते-नाते महत्वहीन हैं। मेरे लिए बहुजन-हित सर्वोपरि है। अपने समधी अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर करने के बाद उनके इस बयान के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। मायावती ने जारी बयान में आगे कहा कि बसपा डॉ. आंबेडकर द्वारा शुरू किए गए बहुजन समाज के आत्मसम्मान व स्वाभिमान के कारवां को सत्ता तक पहुंचाने तथा कांशीराम द्वारा सब कुछ त्यागकर स्थापित की गई पार्टी और उसका मूवमेंट है। कांशीराम की तरह ही मेरे जीते-जी भी पार्टी व मूवमेंट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी है, जब वह भी कांशीराम की अंतिम सांस तक उनकी शिष्या की तरह पार्टी व मूवमेंट को हर दुख और तकलीफ उठाकर आगे बढ़ाने में जी-जान से लगा रहे। उन्होंने पार्टी के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे पूरी निष्ठा व ईमानदारी से जवाबदेह होकर तन, मन, धन से काम करते रहें। इसी जिम्मेदारी के साथ कैडर के बल पर जमीनी स्तर पर पार्टी संगठन की मजबूती व सर्वसमाज में जनाधार को बढ़ाने के साथ ही आगे भी हर चुनाव की तैयारी में पूरी दमदारी के साथ लगना है।