• 1951 में जिसे पोप ने धर्म विरोधी माना

  • वो बिकिनी शो आज दुनिया का सबसे बड़ा ब्यूटी कॉन्टेस्ट

दुनिया के सबसे बड़े ब्यूटी कॉन्टेस्ट मिस वर्ल्ड का फिनाले आज होगा। दुनियाभर के 108 देशों की कंटेस्टेंट्स के बीच भारत की नंदिनी गुप्ता ने टॉप-40 में जगह बना ली है, साथ ही उन्होंने मिस वर्ल्ड टॉप मॉडल का खिताब भी अपने नाम कर लिया है। आज हैदराबाद के हाईटेक्स में टॉप-5 से क्वेश्चन-आंसर राउंड होगा और जिसके बाद मिस वर्ल्ड 2025 की अनाउंसमेंट होगी। मिस वर्ल्ड के 72 साल के इतिहास में अब तक सबसे ज्यादा 6 भारतीय ये खिताब हासिल किया है, जिनमें रीता फारिया, ऐश्वर्या राय, प्रियंका चोपड़ा, युक्ता मुखी, डायना हेडन और मानुषी छिल्लर शामिल हैं। भारतीय कंटेस्टेंट्स की जीत पर सबसे ज्यादा विवाद तब हुआ, जब मिस बारबाडोस ने आरोप लगाया कि प्रियंका चोपड़ा की 2000 में जीत फिक्स थी और उन्हें इंडियन स्पॉन्सर्स ने भेदभाव कर जिताया। विवाद ये भी रहा कि वे गलत जवाब देकर विजेता रहीं। मिस वर्ल्ड से विवादों का भी पुराना नाता है। दरअसल, जब 1951 में इसकी पहली सेरेमनी हुई तब ये मिस वर्ल्ड नहीं एक मामूली सा बिकिनी कॉन्टेस्ट था। पहली मिस वर्ल्ड की क्राउनिंग जब बिकिनी में हुई तो पोप पायस ने इसका विरोध किया था। वहीं 1971 में बम धमाके से भी सेरेमनी चर्चा में रही।

ब्यूटी नहीं बिकिनी कॉन्टेस्ट था पहला मिस वर्ल्ड

1951 में इंग्लैंड के टीवी होस्ट एरिक मोर्ले ने फेस्टिवल ऑफ ब्रिटेन सेलिब्रेशन में बिकिनी को बढ़ावा देने के लिए बिकिनी कॉन्टेस्ट आयोजित किया था। इसका उद्देश्य भीड़ बढ़ाना था। ये अपनी तरह का इकलौता कॉन्टेस्ट था, जिसमें कई देशों की 30 मॉडल बिकिनी में रैंप वॉक करने वाली थीं। विदेशी मीडिया ने इसे मिस वर्ल्ड नाम दिया था। इसकी पहली विजेता स्वीडन की कर्सटीन मार्गेरीटा उर्फ कीकी हकानसन रहीं। उन्होंने क्राउनिंग के दौरान बिकिनी पहनी थी।