यमन में दिल पर गोली मारकर देते हैं सजा-ए-मौत

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भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के पास 1 दिन की जिंदगी
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क्या ब्लड मनी से बचेगी जान
सना । भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को कल यानी बुधवार को यमन में मौत की सजा दी जाएगी। निमिषा 2017 से जेल में बंद हैं, उन पर यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी को ड्रग का ओवरडोज देकर हत्या करने का आरोप है। निमिषा और महदी यमन में एक प्राइवेट क्लिनिक में पार्टनर थे। आरोप है कि महदी ने निमिषा का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले रखा था और उसे प्रताड़ित करता था। निमिषा को मौत की सजा से बचाने के लिए डिप्लोमैटिक लेवल पर कई कोशिशें की गईं, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ। जानिए यमन में किस तरह सजा-ए-मौत दी जाती है...
दिल के पास गोली मारी जाती है
यमन में सिर्फ गोली मारकर ही मौत की सजा दी जाती है। हालांकि, यहां पत्थर मारना, फांसी देना और सिर कलम करने का भी प्रावधान है, लेकिन इनका इस्तेमाल नहीं किया जाता है गोली मारने से पहले दोषी को किसी गलीचे या कंबल पर चेहरा नीचे करके लेटा दिया जाता है। इसके बाद डॉक्टर दोषी की पीठ के ऊपर दिल की जगह पर एक निशान लगाता है और फिर जल्लाद ऑटोमैटिक राइफल से उसकी पीठ में गोलियां मारता है। कुछ मामलों में मृत्युदंड से पहले कोड़े मारने की सजा भी दी जाती है।
यमन में इस्लाम छोड़ने पर भी मौत की सजा
यमन के पीनल कोड के मुताबिक किसास, हुदूद और ताजीर के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है।
- किसास: आंख के बदले आंख का नियम, इसके तहत हत्या के मामलों में पीड़ित के परिवार को ब्लड मनी लेकर माफी लेने का अधिकार है।
- हुदूद अपराध: व्यभिचार, समलैंगिकता, धर्मत्याग और डकैती जैसे अपराधों के लिए शरिया के तहत मृत्युदंड दिया जा सकता है।
- ताजीर: गंभीर अपराधों जैसे आतंकवाद, जासूसी, या देशद्रोह के लिए मृत्युदंड दिया जा सकता है।