• तीन दिन में पूरे प्रदेश में फैला मानसून

भोपाल।  ग्वालियर-चंबल संभाग के 3 जिले- श्योपुर, मुरैना-गुना में भारी बारिश का अलर्ट है। यहां 24 घंटे में ढाई से सवा 4 इंच तक बारिश हो सकती है। गुरुवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत पूरे प्रदेश में आंधी-बारिश होने की संभावना है।  सोमवार को प्रदेश की सीमा में पहुंचा मानसून बुधवार को ग्वालियर तक पहुंच गया। सामान्य तौर पर वहां तक पहुंचने में एक सप्ताह का समय लगता है। 54 जिलों में मानसून 3 दिन में ही पहुंच गया। सिर्फ एक जिला भिंड बचा है। जहां गुरुवार को मानसून की एंट्री हो जाएगी। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर रहेगा। ग्वालियर-चंबल संभाग के 3 जिले- श्योपुर, मुरैना-गुना में भारी बारिश का अलर्ट है। यहां 24 घंटे में ढाई से सवा 4 इंच तक बारिश हो सकती है।गुरुवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत पूरे प्रदेश में आंधी-बारिश होने की संभावना है।
चार दिन तक प्रदेश में तेज बारिश का अलर्ट 
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, दो लो प्रेशर एरिया (कम दवाब का क्षेत्र) और तीन साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम एक्टिव है। इस वजह से अगले 4 दिन तक प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश का अलर्ट है। कहीं अति भारी तो कहीं भारी बारिश हो सकती है। यानी, 24 घंटे के दौरान ढाई से 8 इंच तक पानी बरस सकता है।
प्रदेश में बारिश से तापमान में गिरावट 
प्रदेश के कई जिलों में बुधवार को आंधी-बारिश का दौर रहा। मंदसौर, रतलाम, बड़वानी में तेज बारिश हुई। इससे गर्मी से निजात मिल गई। वहीं, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन में भी बारिश का दौर रहा। आंधी-बारिश की वजह से दिन के तापमान में खासी गिरावट हुई है। प्रदेश में औसत 2 डिग्री तक पारा लुढ़क गया। टीकमगढ़ में सबसे ज्यादा 38.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बाकी शहरों में पारा इससे नीचे रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 33 डिग्री, इंदौर में 31.4 डिग्री, ग्वालियर में 35.5 डिग्री, उज्जैन में 31.7 डिग्री और जबलपुर में 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मध्य प्रदेश में एक दिन लेट पहुंचा मानसून
इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। वहीं, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया। ऐसे में अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा। बावजूद यह प्रदेश में 1 दिन लेट हो गया। हालांकि, 3 दिन में ही मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया। बता दें कि एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था।