• सीएम खुद करेंगे मॉनीटरिंग

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस) में प्राप्ता प्रस्तावों के क्रियान्वयन को लेकर बैठक की। इसमें प्रस्तावों के क्रियान्वयन के फॉलोअप के लिए मॉनीटरिंग और रिपोर्टिंग की पुख्ता व्यवस्था की गई है।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जीआईएस 2025 में प्राप्त निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन के लिए मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक की। मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) 2025 में प्रदेश को 30.77 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे 21 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है। इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए राज्य सरकार ने छह स्तरीय कार्ययोजना बनाई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वयं ऑनलाइन इस प्रक्रिया से निगरानी करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले सप्ताह 850 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित होने वाली नीमच सौर परियोजना की आधारशिला रखी जाएगी।जीआईएस में  सेक्टरों में बड़ी संख्या में निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
विभागों में होगी रिलेशनशिप मैनेजर की नियुक्ति  
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश प्रस्तावों के प्रभावी फॉलो-अप के लिए छह स्तरीय कार्य योजना बनाई गई है। इसके अंतर्गत एमपीआईडीसी द्वारा निवेश प्रस्तावों की स्क्रीनिंग और डेटा प्रविष्टि कर उनका विभागवार अलग-अलग किया जाएगा। संबंधित विभाग निवेश राशि के आधार पर क्षेत्रीय कार्यालय, मुख्यालय और विभाग स्तर पर प्रस्तावों का फॉलो-अप करेंगे। प्रत्येक विभाग द्वारा रिलेशनशिप मैनेजर की नियुक्ति की जाएगी। फॉलोअप के लिए मॉनीटरिंग और रिपोर्टिंग की पुख्ता व्यवस्था की गई है। 
हर सप्ताह पीएस करेंगे प्रगति की समीक्षा 
संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव प्रति सप्ताह प्रगति की समीक्षा कर मुख्य सचिव को रिपोर्ट देंगे। इसके साथ ही मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री स्तर पर भी निश्चित अंतराल पर मॉनीटरिंग की व्यवस्था की गई है। निवेश प्रस्तावों को साकार करने के लिए भूमि आवंटन, अनुमोदन और आवश्यक मंजूरियों के लिए संबंधित विभाग द्वारा आवश्यक समन्वय और सहयोग किया जाएगा। इसके साथ ही निवेशकों की प्रतिक्रिया के विश्लेषण और समाधान के लिए उनसे फीडबैक प्राप्त करने की भी व्यवस्था की गई है।
विभागीय समन्वय के लिए बनेगा सेल 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रस्तावों को वास्तविक निवेश में परिवर्तित करने के लिए रणनीति बनाकर कार्य होगा। इसके लिए प्राथमिकता पर प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे और सेक्टर फोकस्ड औद्योगिक सेक्टरों का भी विकास होगा। जिला स्तर पर कलेक्टर्स को भूमि और जल की आवश्यकता से अवगत कराकर समय-सीमा में उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। निवेशक अपनी इकाई का शीघ्रता से संचालन शुरू कर सकें, इसके लिए प्लग-एंड-प्ले सुविधा विकसित की जाएगी। प्रदेश में एमपी इन्वेस्टर पोर्टल का उन्नयन किया गया है। इसके साथ ही एमपीआईडीसी में विशेष सेल अंतर विभागीय समन्वय सुनिश्चित करेगा।
नवकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करेगा नीमच-आगर-शाजापुर सोलर पार्क
नीमच-आगर-शाजापुर सोलर पार्क परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित नवकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 1500 मेगावॉट क्षमता वाली यह परियोजना रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित की जा रही है, जो आरयूएमएसएल सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन और मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम का संयुक्त उपक्रम है। इस परियोजना के अंतर्गत आगर सोलर पार्क से 550 मेगावॉट, शाजापुर से 155 मेगावॉट और नीमच से 330 मेगावॉट का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो चुका है। नीमच सोलर पार्क की 170 मेगावॉट क्षमता की निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस परियोजना के माध्यम से मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा और देश की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में योगदान करेगा, साथ ही प्रधानमंत्री के नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
जाने किस क्षेत्र में कितने मिले निवेश प्रस्ताव 
ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा में 8 लाख 94 हजार 301 करोड़ निवेश के 441 प्रस्ताव, इंफ्रास्ट्रक्चर में 3 लाख 37 हजार 329 करोड़ रुपये निवेश के 870 प्रस्ताव, खनन और खनिज क्षेत्र में 3 लाख 25 हजार 321 करोड़ रुपये के 378 निवेश के प्रस्ताव, रक्षा-विमानन और एयरोस्पेस में 3 लाख 01 हजार 681 करोड़ के 8 प्रस्ताव और पेट्रोकेमिकल्स-रसायन-प्लास्टिक व संबद्ध क्षेत्र में 1 लाख 4 हजार 158 करोड़ रुपये के निवेश के 237 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स में 78 हजार 314 करोड़ रुपये के, इसी प्रकार आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स आदि में 78 हजार 314 करोड़ रुपये के 193 प्रस्ताव, पर्यटन तथा हॉस्पिटेलिटी में 68 हजार 824 करोड़ रुपये के 303 प्रस्ताव, कृषि और खाद्य प्र-संस्करण में 63 हजार 383 करोड़ रुपये के 957 प्रस्ताव, शिक्षा में 52 हजार 294 करोड़ रुपये के 191 प्रस्ताव, हेल्थ केयर, फार्मा और चिकित्सा उपकरण के लिए 41 हजार 986 करोड़ रुपये के 345 प्रस्ताव, ऑटोमोबाइल क्षेत्र में 41 हजार 590 करोड़ रुपये के 349 प्रस्ताव, इंजीनियरिंग क्षेत्र के 26 हजार 277 करोड़ रुपये के 203 प्रस्ताव, कपड़ा-टेक्सटाइल और परिधान क्षेत्र में 21 हजार 833 करोड़ रुपये के 171 प्रस्ताव, लॉजिस्टिक्स और वेयर हाऊसिंग से संबंधित 9 हजार 112 करोड़ रुपये के 67 प्रस्ताव, पैकेजिंग क्षेत्र में 1 हजार 697 करोड़ रुपये के 51 प्रस्ताव तथा अन्य क्षेत्रों में 83 हजार 720 करोड़ रुपये के 1 हजार 96 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।