मंत्री राजपूत पर हैं युवक की जमीन कब्जाने और अपहरण के आरोप

- 8 साल से लापता शख्स को बना दिया गवाह
- सीजीएम कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर लगे अपहरण के आरोपों की जांच करने वाली स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने सीजीएम कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी है। रिपोर्ट में, उसी शख्स को गवाह बना दिया, जो 8 साल से लापता है। एसआईटी ने रिपोर्ट में यह स्वीकार किया है कि साल 2000 से 2007 के बीच भूमि रिकॉर्ड में अनियमितताएं रही हैं, पर आईपीसी की धारा 365 (अपहरण) के तहत कोई ठोस सबूत नहीं मिला। दरअसल, सागर के मानसिंह पटेल 22 अगस्त 2016 को अचानक लापता हो गए थे। लापता होने से तीन महीने पहले उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट के सामने हलफनामा देकर आरोप लगाया था कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने उनकी पुश्तैनी जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस शिकायत के बाद सिविल लाइंस थाना प्रभारी ने मौके की जांच की और रिपोर्ट दी कि वहां पिछले 3 महीनों से मंत्री का भवन निर्माण चल रहा था। मानसिंह के लापता होने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। अगस्त 2024 में कोर्ट ने मध्यप्रदेश के डीजीपी को 3 आईपीएस की एसआईटी बनाकर जांच करने का आदेश दिया। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2000 से 2007 के बीच भूमि रिकॉर्ड में अनियमितताएं हुई थीं।
थाना प्रभारी को मंत्री का निर्माण मिला...
1. एसआईटी ने क्लोजर रिपोर्ट में मानसिंह पटेल को ही गवाह बना दिया। इसके अलावा इंस्पेक्टर लखन लाल उइके को शिकायतकर्ता और गवाह दोनों के रूप में दिखा दिया गया।
हकीकत : मानसिंह पटेल तो 2016 से लापता हैं। एसआईटी का गठन ही उन्हें ढूंढ़ने के लिए किया गया था। वह अब तक नहीं मिले।
2. एसआईटी ने कहा- विवादित जमीन पर फिलहाल मानसिंह के बेटे और भाई का कब्जा है।
हकीकत : 2016 में खुद मानसिंह ने शिकायत दी थी कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है और सरकारी रिकॉर्ड में भी नाम चढ़वा लिया है।
3. मंत्री राजपूत ने एसआईटी को बताया कि 2011 में कम्प्यूटर रिकॉर्ड में गलती से उनकी जमीन के दस्तावेज में एंट्री हो गई थी। उन्होंने दावा किया कि 3 अक्टूबर 2016 को यानी मानसिंह के लापता होने के बाद उन्होंने नाम हटाने के लिए आवेदन दिया था।
हकीकत : सिटी मजिस्ट्रेट ने सिविल लाइंस थाना प्रभारी से जांच करवाई, जिन्होंने 20-5-2022 की अपनी रिपोर्ट में बताया कि विवादित जमीन पर राजपूत का ही कब्जा है और भवन निर्माण का काम चल रहा है।
एसआईटी चीफ अभय सिंह ने कहा,
मानसिंह को गवाह के रूप में दिखाना तकनीकी गलती है। सुप्रीम कोर्ट के सभी निर्देशों का पालन किया है।
मानसिंह के पड़ोसी से कहा- हत्या हो चुकी; रिपोर्ट को हाईकोर्ट में चुनौती
विवादित जमीन के बगल में 17 एकड़ जमीन के मालिक विनय मलैया ने एसआईटी के सामने गवाही दी थी कि राजपूत व उसके गुर्गों ने मानसिंह की हत्या की है। विनय ने अब अपहरण के मामले को बंद करने के खिलाफ अपील की है।