एमपी बोर्ड के 34 हजार प्राइवेट स्कूल आज बंद

- मान्यता के लिए रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट की शर्त का विरोध
- सुरक्षा निधि लेने पर रोक की भी मांग
इंदौर। मध्यप्रदेश में गुरुवार को एमपी बोर्ड के पहली से आठवीं कक्षा तक के प्राइवेट स्कूल बंद हैं। बंद का आह्वान एमपी बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने किया है। मान्यता के नियम में रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट की शर्त के विरोध में बंद बुलाया गया है। प्रदेशभर में करीब 34 हजार स्कूलों के संचालक गांधी प्रतिमाओं पर जाकर ज्ञापन भी देंगे। इसमें इंदौर के 3 हजार और उज्जैन के 450 स्कूल शामिल हैं।
रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट पर दोबारा विचार हो
एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल सोनी ने कहा- सभी संगठनों ने फैसला लिया है कि 30 जनवरी को प्रदेश के सभी एमपी बोर्ड के स्कूल बंद रहेंगे। पहली से आठवीं क्लास तक की मान्यता के नियम में जो रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट की बात की गई है, उस पर दोबारा विचार किया जाए। उसका समाधान निकाला जाए क्योंकि 31 जनवरी को मान्यता की आखिरी तारीख है।
उन्होंने कहा- प्रदेश के सभी जिलों के संगठनों ने जनप्रतिनिधियों के माध्यम से शिक्षा मंत्री और सीएम तक अपनी बात पहुंचा दी है, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है।
रजिस्टर्ड किराया नामा प्रैक्टिकल नहीं
सोनी ने कहा- हम किसी लॉ या सरकार का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन रजिस्टर्ड किराया नामा प्रैक्टिकल नहीं है। कई स्कूल किराए की बिल्डिंग में चलते हैं। तीन साल या पांच साल का रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट करने में दिक्कतें आ रही हैं।
उन्होंने कहा- जो स्कूल पहले से चल रहे हैं, उन्हें इस नियम से बाहर रखा जाए। ग्रामीण क्षेत्र, कृषि भूमि, दान की जमीन पर जो स्कूल हैं, वहां रजिस्टर्ड किराए नामे में दिक्कत आ रही है, यह तकनीकी दिक्कत है।
एसोसिएशन की प्रमुख मांगें...
- 8वीं कक्षा तक के स्कूलों की मान्यता के लिए रजिस्टर्ड किरायानामे की शर्त निरस्त की जाए।
- पहले की तरह नोटरी किरायानामा लागू किया जाए।
- मान्यता के लिए 40 हजार रुपए की सुरक्षा निधि लेने पर रोक लगे।
- शिक्षा का अधिकार की राशि समय पर दी जाए।
- मान्यता शुल्क में की गई वृद्धि को समाप्त किया जाए।