इंदौर में डेढ़ साल पहले झाड़ियों में मिले बच्चे को अमेरिका के डॉक्टर ने गोद लिया है। बच्चे को स्ट्रीट डॉग ने बुरी तरह नोच दिया था, जिससे उसका प्राइवेट पार्ट को गंभीर चोट पहुंची। अब ये बच्चा थर्ड जेंडर की कैटगरी में है। मूल जेंडर के लिए उसका 15 साल की उम्र के बाद ट्रीटमेंट किया जा सकेगा।
दरअसल, अमेरिकन डॉक्टर स्पेशल डिसीज के एक्सपर्ट हैं और बचपन में उनको भी एक दंपती ने गोद लिया था। डॉक्टर के तीन भाइयों को भी अलग-अलग परिवारों में गोद लिया था। डॉक्टर इससे पहले दो लड़कियों को गोद ले चुके हैं। दोनों बेटियां अब बड़ी हो गई हैं। डॉक्टर जब इंदौर आए तो बेटियां उनके साथ थीं।
साढ़े तीन महीने इलाज के बाद पता चली हकीकत
घटना 11 जनवरी 2023 की है। इंदौर के पास पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया में झाड़ियों से एक बच्चे के रोने की आवाज आई। किसी ने उसकी आवाज सुनी और झाड़ियों के पास गया। देखा तो बच्चा पॉलीथिन में था और उसे स्ट्रीट डॉग नोच रहे थे। वहां और भी लोग पहुंच गए। सभी ने कुत्ते को भगाया और पुलिस को सूचना दी। अफसरों ने देखा तो उसका सिर, पेट, पैर और प्राइवेट पार्ट बुरी तरह नोचा हुआ था। बच्चे को गंभीर हालत में अस्पताल के PICU में रखा गया। यहां डेढ़ महीने तक इलाज चला।
बच्चा कमजोर हो गया था। उसे यूरिन सहित कई समस्याएं हो गई थीं। हालत में हल्का सुधार होने पर संजीवनी संस्था रेफर कर दिया गया। चार-पांच दिन बाद फिर तबीयत बिगड़ी, तो प्राइवेट अस्पताल ले गए जहां दो महीने इलाज चला। यहां के डॉक्टरों ने बताया कि कुत्तों ने जांघ के आसपास ऐसे नोचा है कि बच्चे का कोई मूल जेंडर नहीं रह गया। अंदरूनी हिस्से भी बुरी तरह प्रभावित हैं। बच्चा अब थर्ड जेंडर कैटेगरी में है। इसके बाद बच्चे को संस्था ने रखा गया। करीब डेढ़ साल बाद सरकारी प्रोसेस के जरिए स्पेशल चाइल्ड कैटेगरी देख अमेरिकन दंपती ने उसे पालने का प्रस्ताव दिया। इसके पीछे कारण भी बताए।