इनमें दो कांग्रेस और चार भाजपा से थीं। जबकि, वर्ष 2004 में केवल दो महिलाएं- सुमित्रा महाजन और नीता पटेरिया ने विजय प्राप्त की। वर्ष 2019 में प्रदेश से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, हिमाद्री सिंह, रीति पाठक और संध्या राय चुनाव जीती थीं।
- अपने वक्त में ग्वालियर राज घराने की विजयाराजे सिंधिया का प्रदेश से राजनीति में बड़ा नाम था। वह आठ बार सांसद रहीं। उन्होंने गुना, भिंड और ग्वालियर सीट से चुनाव जीते। सबसे पहले वर्ष 1957 में गुना से चुनाव लड़ा और जीतीं। यहां से उन्होंने छह बार संसद में प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 1962 में ग्वालियर और वर्ष 1971 में भिंड से चुनाव लड़कर सांसद बनीं।
- लोकसभा अध्यक्ष रह चुकीं सुमित्रा महाजन ने इंदौर से आठ चुनाव लड़े। सबसे पहले वह वर्ष 1989 में चुनी गई थीं और अंतिम चुनाव वर्ष 2014 में लड़कर सांसद बनी थीं। इस कार्यकाल में ही वह लोकसभा अध्यक्ष रहीं, लेकिन पिछले चुनाव 2019 में भाजपा ने उनको टिकट नहीं दिया तो चुनाव नहीं लड़ सकीं।
कांग्रेस की मीनाक्षी नटराजन वर्ष 2009 में मंदसौर से चुनाव जीतकर चर्चा में आई थीं। उन्होंने यहां से आठ बार के सांसद भाजपा के लक्ष्मीनारायण पांडेय को चुनाव हराया था। इसके बाद उन्होंने दो बार और चुनाव लड़ा पर असफल रहीं।
- प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती चार बार खजुराहो और एक बार भोपाल से सांसद रहीं। वह अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व वाली सरकार में मंत्री भी रहीं। वहीं, कांग्रेस से जमुना देवी वर्ष 1962 में झाबुआ लोकसभा सीट (अब रतलाम) से चुनाव जीतकर सांसद बनी थीं।
वर्ष -- संख्या
2019 -- 4
2014 -- 5
2009 -- 6
2004 --2
वर्ष -- संख्या
2019 -- 40
2014 -- 37
2009 -- 29
2004 -- 30