'भोपाल के सुभाष नगर ROB के ऊपर डायरेक्शन बोर्ड लगा है। इसमें पार्टी नेताओं की फोटो लगी है, जो आचार संहिता का उल्लंघन है।' सी-विजिल (cVIGIL) ऐप पर जैसे ही ये शिकायत पहुंची, अफसर हरकत में आए और 100 मिनट के अंदर नेताओं की फोटो हटवा दी। 16 मार्च से अब तक ऐप के जरिए जो 61 शिकायतें पहुंची हैं, वे पोस्टर-बैनर से ही जुड़ी हैं।
16 मार्च से लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी है। तभी से सी-विजिल ऐप के जरिए शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। इनमें वे शिकायतें हैं, जो चुनाव की आचार संहिता का उल्लंघन कर रही हो। अफसरों का कहना है कि नॉमिनेशन की प्रोसेस पूरी होते ही सी-विजिल पर शिकायतों का आंकड़ा और बढ़ेगा।
भोपाल में इस तरह की शिकायतें भी
- सिविल हॉस्पिटल बैरसिया में शिलालेख को कवर नहीं गया है। इस पर कार्रवाई करें।
- रायसेन रोड और होशंगाबाद रोड पर भाजपा सरकार के पोस्टर लगे हैं।
- वार्ड-17 की आंगनवाड़ी केंद्र की शिलालेख को नहीं कवर नहीं किया गया है।
- रेंज चौराहे पर सार्वजनिक प्याऊ पर लगे शिलालेख को भी कवर नहीं किया गया। यह आचार संहिता का उल्लंघन है।
- प्रभात पेट्रोल पंप के पास बने सुलभ शौचालय के ऊपर बैनर लगा है। इसमें पार्टी विशेष का प्रचार है।
- शास्त्री माध्यमिक शाला जवाहर बैरसिया में लगी निर्माण शिलालेख को कवर नहीं किया गया।
- शहर में बिना अनुमति के पोस्टर-बैनर लगे हुए हैं।
हर विधानसभा में 9-9 टीमें
सी-विजिल पर दर्ज शिकायत को 100 मिनट में हर हाल में दूर करना है। इसलिए भोपाल जिले की सभी 7 विधानसभाओं के लिए 9-9 टीमें बनाई गई है। लोकसभा सीट में सीहोर विधानसभा भी शामिल हैं। वहां के लिए भी टीमें बनाई गई हैं।
क्या है सी-विजिल ऐप?
चुनाव आयोग ने सी-विजिल ऐप को चुनावों में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए तैयार किया है। इस ऐप की मदद से वोटर चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी दे सकते हैं। इस ऐप को सभी एंड्रॉयड और iOS यूजर्स के लिए तैयार किया गया है। ऐप पर शिकायत करने के लिए यूजर को स्मार्टफोन के कैमरे और GPS एक्सेस की जरूरत होती है। चुनाव आयोग पिछले 3 साल से इस ऐप का इस्तेमाल सभी तरह के चुनावों में कर रहा है।
इस तरह की कर सकते हैं शिकायतें
- चुनाव आयोग के मुताबिक चुनाव तारीखों का ऐलान होने के बाद से वोटिंग खत्म होने तक, कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत सी-विजिल ऐप के जरिए चुनाव आयोग को भेज सकता है।
- आचार संहिता के दौरान नेताओं की तरफ से किसी भी तरह के कोई गैरकानूनी दस्तावेज बांटने, भ्रष्टाचार और विवादित बयानों की शिकायत इस ऐप के जरिए कर सकते हैं।
- सी-विजिल ऐप पर शिकायतकर्ता जो भी वीडियो या फोटो अपलोड करेंगे वो 5 मिनट के अंदर स्थानीय चुनाव अधिकारी के पास चला जाएगा।
- शिकायत सही है तब 100 मिनट के अंदर ही उस समस्या का समाधान किया जाएगा।
- इसके अलावा मतदाताओं को लुभाने के लिए किसी भी तरह से धन, सामग्री, कपड़े, जेवरात आदि का वितरण करने, मतदाताओं को उनके पक्ष में मतदान करने के लिए धमकाने, मतदाताओं को स्वयं के वाहन से परिवहन करने।
- किसी भवन स्वामी की अनुमति के बिना उसके भवन या दीवारों या परिसर पर प्रचार सामग्री लगाने या दीवार पर विज्ञापन लिखवाने सहित अन्य प्रकार की शिकायतें भी कर सकते हैं।
सी-विजिल ऐप से कैसे करें शिकायत?
- जो लोग सी-विजिल ऐप से किसी की शिकायत करना चाहते हैं। उन्हें इस ऐप को इंस्टॉल करना होगा। ऐप इंस्टॉल होने के बाद आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा।
- इसके लिए शिकायतकर्ता को नाम, पता, राज्य, जिला, विधानसभा और पिनकोड की जानकारी देनी होगी।
- एक OTP की मदद से इसका वैरिफिकेशन किया जाएगा।
- अब शिकायत करने के लिए फोटो या कैमरे को सिलेक्ट करें।
- शिकायतकर्ता 2 मिनट तक का वीडियो ऐप पर अपलोड कर सकता है।
- फोटो और वीडियो से जुड़ी डिटेल के लिए एक बॉक्स भी मिलता है, जहां उसके बारे में लिखा जा सकता है।
- चुनाव आयोग के मुताबिक जो फोटो या वीडियो अपलोड किया जाता है, उससे उस जगह की लोकेशन भी पता चल जाती है।
- फोटो या वीडियो अपलोड होने के बाद यूजर को एक यूनीक आईडी मिलेगी। इसके जरिए वे मोबाइल पर ही फॉलोअप ट्रैक कर सकते हैं।
शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जा रही
शिकायतकर्ता की पहचान को गोपनीय रखा जाता है। हालांकि, ऐप पर पहले से रिकॉर्ड वीडियो या फोटो अपलोड नहीं कर सकते। इतना ही नहीं, ऐप से रिकॉर्ड किए गए वीडियो या फोटो गैलरी में सेव नहीं होंगे।