सेंट जोसफ हॉस्टल में 8वीं के छात्र का सुसाइड

- योगा क्लास से लौटा था, खिड़की पर टॉवेल से फंदा बनाकर लगाई फांसी
- पिता बोले-उसके साथ कुछ गलत हुआ
भोपाल। भोपाल के परवलिया थाना इलाके में स्थित तारा सेवनिया के सेंट जोसफ स्कूल के हॉस्टल में मंगलवार रात आठवीं कक्षा के छात्र ने फांसी लगा ली। घटना के समय वह कमरे में अकेला था। मृतक के पिता ने बेटे के सुसाइड को संदिग्ध बताया है। उन्होंने कहा, बेटा हिम्मत वाला था, ऐसा कदम नहीं उठा सकता था। उसके साथ कुछ गलत हुआ है। मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। बुधवार दोपहर पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। थाना प्रभारी रोहित सिंह नागर ने बताया कि वंश कुशवाह पुत्र संतोष कुशवाह (14) नवीन नगर ऐशबाग का रहने वाला था। बीते दो सालों से सेंट जोसफ स्कूल में पढ़ रहा था। वहीं हॉस्टल में रहता था। तारा सेवनिया गांव में ही स्कूल और हॉस्टल है। मंगलवार शाम योगा क्लास से आने के बाद उसने अपने कमरे में टॉवेल का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। फांसी लगाने के लिए उसने खिड़की पर फंदा बांधा था। वार्डन की सूचना पर पुलिस अस्पताल पहुंची। मृतक के रूम को सील कर दिया था। एफएसएल टीम की निगरानी में रूम की तलाशी ली गई। जहां से एक कागज का टुकड़ा मिला है। जिस पर अंग्रेजी में कुछ बातें लिखी हैं। इस कागज के टुकड़े की जांच कराई जा रही है। हैंड राइटिंग एक्सपर्ट्स इस टुकड़े में लिखी राइटिंग और वंश की हैंड राइटिंग की जांच करेंगे।
पिता बोले दोपहर में बात की सब ठीक था
वंश के पिता संतोष ऐशबाग में एक प्राइमरी स्कूल का संचालन करते हैं। वंश से बड़ी एक बहन तथा छोटा एक भाई है। बेटे की मौत के बाद वंश के पिता ने मीडिया को बताया कि बेटा एक्टिव था। पढ़ाई से लेकर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में सक्रिय रहता था। इसी के साथ योगा भी करता था। मंगलवार दोपहर 3:30 बजे उसने हॉस्टल से ही कॉल कर मां से बात की थी।
इस दौरान उसने किसी परेशानी का जिक्र नहीं किया। बातचीत में भी सब कुछ नार्मल लग रहा था। पत्नी ने अपने मोबाइल फोन से ही मेरी भी बात कराई थी। उसने किसी परेशानी का जिक्र नहीं किया। पूर्व में भी कभी कोई परेशानी नहीं बताई। जिस खिड़की से फंदा लगाकर सुसाइड करना बताया जा रहा है, उसकी हाइट कॉफी कम है। टॉवेल से आसानी से गांठ नहीं लग सकती। टॉवेल काफी मोटा था। मुझे शक है कि उसके साथ कुछ तो गलत हुआ है। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मेरा बेटा आर्मी स्कूल में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था। अगले साल से वह आर्मी स्कूल में जाना चाहता था। सारे सपने उसके साथ चले गए, मुझे यकीन ही नहीं है कि वह सुसाइड कर सकता है।
साइंटिस्ट बनना चाहता था
वंश पिता से अकसर साइंटिस्ट बनने की बातें करता था। उसकी बातों को याद करते हुए पिता फफक पड़े, नम आंखों के साथ उन्होंने बताया कि मैं सोच भी नहीं सकता। जिस उम्र में पहली बार वंश ने साइंटिस्ट बने की बात मुझ से कही थी, उस समय उसकी उम्र महज सात-आठ साल रही होगी। वह बेहद डिसिप्लिन में रहने वाला बच्चा था। मेंटल हैल्थ के लिए योगा करता था। इतना सब तो इस उम्र में बच्चे सोच भी नहीं सकते हैं। उसके साथ हॉस्टल में कुछ तो गलत हुआ है।
नोट में लिखा आगे क्या होगा पता नहीं
पुलिस को मृतक के कमरे से सुसाइड नोट नुमा कागज का टुकड़ा मिला है। जिसमें कॉपी के फटे हुए पन्ने पर इंग्लिश में करीब सात-आठ लाइनें लिखी हैं। इनका हिंदी अनुवाद इस प्रकार है,
आगे मेरी जिंदगी में क्या होगा, कुछ समझ नहीं आता। ऐसे कोई कैसे धोखा दे सकता है। हालांकि इसमें किसी की कोई गलती नहीं है। सब अच्छे हैं, पता नहीं आगे क्या होगा।
योगा क्लास अटैंड करने के बाद की खुदकुशी
वंश मंगलवार शाम योगा क्लास अटैंड कर अपने रूम में आया। रूम से पानी की बॉटल लेकर उसे भरने बाहर आया। बॉटल भरने के बाद रूम में लौट गया। इसके बाद उसके रूम में रहने वाले तीन अन्य बच्चे मैस में खाना खाने चले गए। लौटकर देखा तो वंश फांसी लगा चुका था। रूम का गेट बाहर से खुला था। हालांकि रूम के ठीक सामने सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जिसे पुलिस ने चेक किया, वंश के रूम में कोई आते-जाते नहीं दिखा है। वंश सुसाइड से पहले रूम के बाहर खेलता भी दिखा और पानी भरता दिखा था। बच्चे मैस में जाने से पहले रूम से निकलते दिखे हैं।
पिता बोले हमें सूचना लेट दी
मृतक के पिता का आरोप है कि घटना शाम करीब साढ़े सात बजे की है। हमें लगभग साढ़े नौ बजे सूचना मिली। जब अस्पातल पहुंचे तो बेटे को स्ट्रेचर पर देखा। अस्पताल वाले उसे छूने तक नहीं दे रहे थे। किसी ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की। अस्पताल वाले इलाज नहीं कर रहे थे, तो हॉस्टल स्टाफ उसे दूसरे अस्पताल क्यों नहीं ले गया। बुधवार दोपहर जब पीएम हुआ तब भी स्कूल और हॉस्टल से कोई नहीं आया।