भोपाल। सबसे पहले नीचे वीडियो देख लीजिए... इसे देखकर यह अंदाजा लगेगा कि ये किसी गांव या कस्बे की सड़क होगी, लेकिन आपका ये अंदाजा गलत है। ये गांव या कस्बे की नहीं, बल्कि राजधानी भोपाल की एक सड़क हमीदिया रोड है। 300 मीटर में इतने बड़े गड्ढे हैं, जैसे कोई तालाब हो। इलेक्ट्रिक ऑटो और बाइक को गिर भी जाते हैं। दरअसल, पीडब्ल्यूडी भारत टॉकीज से रॉयल मार्केट तक करीब 4 किमी सीमेंट क्रॉन्कीट सड़क बना रहा है। ये सड़क मिलिंग मशीन के जरिए नई तकनीक से बनाई जा रही है। ताकि, खुदाई में भूमिगत पाइप लाइन और टेलीफोन लाइन न उखड़े। न ही सड़क की ऊंचाई इतनी बढ़े कि बारिश के दौरान जलभराव के हालात बन जाए। अल्पना टॉकीज से भोपाल टॉकीज चौराहे के बीच एक लेन बना भी दी गई है, लेकिन दूसरी लेन नहीं बनी है।
यही दूसरी लेन अब लाखों लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। करीब 300 मीटर हिस्से ने तालाब की शक्ल ले ली है। जिसमें राहगीर गिर जाते हैं। रॉयल मार्केट की ओर जा रहे अरविंद ने बताया, वे इलेक्ट्रिक ऑटो चलाते हैं। गड्?ढों में इतना पानी है कि गहराई का पता नहीं चलता। इस वजह से एक बार ऑटो समेत गिर चुके हैं। राहगीय संजय बैरागी ने बताया, वे भी पानी में गिरते-गिरते बचे हैं।
पीक ऑवर्स में जाम के हालात भी
एक लेन जर्जर हालत में होने की वजह से पीक ऑवर्स के दौरान जाम के हालात बन रहे हैं। सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक और शाम 5 से 8 बजे तक गाड़ियों की लंबी कतार लग जाती है। कारें, बाइक, बसें, ऑटो, इलेक्ट्रिक ऑटो समेत कई गाड़ियां फंस जाती हैं। वहीं, दिन में बाजारों में भीड़ होने से भी जाम की स्थिति बनती रहती है।
42 करोड़ रुपए से बन रही सीसी रोड
पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर संजय मस्के ने बताया, यह सड़क हमीदिया रोड यानी, भारत टॉकीज से भोपाल टॉकीज होते हुए रॉयल मार्केट तक बन रही है। बैरसिया रोड, शाहजहांनाबाद और तलैया का भी कुछ हिस्सा प्रोजेक्ट में शामिल हैं। जिसकी कुल लागत 42 करोड़ रुपए है। एक तरफ की लेन बना दी है। दूसरी तरफ का काम भी शुरू कर रहे हैं। इससे जाम की स्थिति नहीं बनेगी।
नई तकनीक से बना रहे सड़क
चीफ इंजीनियर मस्के ने बताया, यह सड़क सीमेंट क्रांकीट से बनाई जा रही है। वर्तमान की सड़क डामर की है, जो बारिश के दिनों में सड़क जर्जर हो जाती है। सीमेंट कांक्रीट की बनने से ऐसा नहीं होगा और इसे बार-बार रिपेयर नहीं करना पड़ेगी। दूसरी ओर, इसमें नई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। मिलिंग मशीन से मौजूदा सड़क की परत को 15 से 20 सेंटीमीटर निकाल रहे हैं। इससे जमीन में गड़ी पानी की पाइप लाइन और टेलीफोन लाइन पर असर नहीं पड़ रहा है।